नवरात्रि स्पेशल : मां तपेश्वरी के दर्शन से एक वर्ष में भर जाती सुनी गोद

– तपस्या वाले स्थान का नाम है मां तपेश्वरी मन्दिर

कानपुर (हि.स.)। औद्योगिक नगरी कानपुर के बिरहाना रोड पटकापुर स्थित मां तपेश्वरी देवी का मंदिर इतिहास रामायणकाल से जुड़ा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि जिन दंपतियों को संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती, वे यहां आकर चारों देवियों के दर पर माथा टेकते हैं। मातारानी की कृपा से एक साल के भीतर ही उनके आंगन में बच्चे की किलकारियों की गूंज सुनाई देती है और वे उन्हें माता के समक्ष विधि-विधान से मुंडन और कनछेदन करवाते हैं।

मन्दिर के मुख्य पुजारी मंगल प्रसाद बताते है कि मान्यता है कि सैकड़ों साल पहले मां सीता कानपुर के बिठूर कस्बे में ठहरी थीं। यहीं पर लव और कुश का जन्म हुआ था। माता सीता ने भगवान श्रीराम को पाने के लिए बिठूर से आकर इस मंदिर में तप करती थीं। अपने पुत्रों लव-कुश का मुंडन और कनछेदन संस्कार भी इसी परिसर में किया था मां सीता के साथ तीन अन्य कमला, विमला आदि महिलाओं ने तप किया था। इसी के चलते इसका नाम ‘तपेश्वरी मंदिर’ पड़ा। इस मंदिर पर चार देवियां कमला, विमला, सरस्वती और मां सीता विद्यमान हैं। मगर ये कोई नहीं जानता कौन-सी मूर्ति किसकी है ? ये रहस्य आज भी बना हुआ है कि इन चारों मूर्तियों में कौन-सी मूर्ति माता सीता की है ? यहां पर एक मठ भी निकला जिसको माता सीता के नाम से जाना जाता है। 

मनोकामना के लिए जलाते अखंड ज्योति 

मां तपेश्वरी देवी मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी भक्त यहां अखंड ज्योति जलाते हैं। भगवती उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं। कानपुर समेत अन्य शहरों से आये श्रद्धालु मां के दरबार में अखंड ज्योति जलाते हैं। 

नवरात्रि को लेकर तैयारी पूरी 

शारदीय नवरात्रि शनिवार से शुरु हो रहे हैं। हर साल नवरात्रि के दिनों में मन्दिर में हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने को आते हैं। लेकिन इस बार माहामारी कोरोना की वजह से जिला प्रशासन से जारी दिशा निर्देश के चलते मन्दिर प्रशासन ने सीमित संख्या में ही भक्तों को दर्शन कराने का इन्तजाम किया है। मन्दिर के मुख्य पुजारी मंगल प्रसाद ने बताया कि सारी तैयारी शुरु कर ली गयी है। 

सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम 

नवरात्रि को लेकर मन्दिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन ने भी खास इंतजाम किए हैं। मन्दिर में आने वाले भक्तों की को देखते हुए महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलल लाइनें हैं। बैरिकेटिंग, सीसीटीवी कैमरे, मंदिर की धुलाई सभी चीजें सुचारु रूप से व्यवस्थित की गई हैं। मंदिर के बाहर एक पुलिस कैंप की भी व्यवस्था की गई है। जो सीसीटीवी कैमरे के जरिये चोर उचक्कों पर अपनी नजर बनाये रखेगी। 

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