ध्वनि मत की आड़ में भाजपा ने किसानों-विपक्ष की आवाज का गला दबाया: अखिलेश

लखनऊ। कृषि से सम्बन्धित दो विधेयकों-‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020’ तथा ‘कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020’ के संसद में पारित होने को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है।
समाजवादी पार्टी ने इसे देश की दो तिहाई आबादी से धोखा करार दिया। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि भाजपा ने कृषि बिल पारित कराने के लिए ‘ध्वनि मत’ की आड़ में राज्य सभा में किसानों व विपक्ष की आवाज का गला दबाया है व अपने कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों व धन्नासेठों के लिए भारत की दो तिहाई जनसंख्या को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं, अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि एक किसान विरोधी काले विधेयक को पास कराने के लिए आज राज्यसभा में जो हुआ वो “लोकतंत्र की हत्या” है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को दरकिनार कर, किसानों को ‘बधुवा’ बनाने वाले इस काले विधेयक को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि किसान का बेटा और भाई हूं। सड़कों पर लड़ाई आर-पार की होगी।

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