दीप पर्व तक बुनकरों की हड़ताल समाप्त, ऑर्डर की सप्लाई के बाद फिर कर सकते हैं आंदोलन

वाराणसी (हि.स.)। दीपावली पर्व को देख बुनकरों ने अपनी मुर्री (लूम)बंद हड़ताल समाप्त कर दी है। रविवार को चौकाघाट में वाराणसी वस्त्र बुनकर संघ और बुनकर बिरादाराना तंजीम की संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया। निर्णय के बाद बुनकरों ने लेनदेन की प्रक्रिया भी शुरू कर दिया है। बुनकर संघ के अध्यक्ष राकेश कांत राय ने बताया कि दीप पर्व पर बुनकरों को अधूरे काम को पूरी करने की छूट दिया गया है। 
पावरलूम बंदी के अनिश्चितकालीन हड़ताल में यू.पी. के बुनकरों ने अपना बहुत कुछ बलिदान किया है । अब और भारी संख्या में बुनकरों का पलायन गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों में होगा। बुनकर बहुल लगभग 22 जिलों में फांकाकसी और त्रासदी की स्थिति पैदा हो गयी है। 

उन्होंने बताया कि बैठक में बुनकरों के सभी तंजीमों, बुनकर संघ, उत्तर प्रदेश बुनकर सभा ने मांग पूरी होने तक बुनकर समुदाय को समर्थन जारी रखा है और आगे की रणनीति पर बैठकर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बुनकरों की समस्या को देखते हुऐ बुनकर संघ बहुत जल्दी ही सरकार के सक्षम अधिकारी व मुख्यमंत्री से मिलकर मामले को हल कराने के लिए जुट जायेगा। बुनकर नेता ने कहा कि शनिवार शाम प्रदेश के मुख्यमंत्री बनारस आये और चले भी गये। 
राकेशकांत राय ने कहा कि सरकार भले ही फ्लैट रेट पर विद्युत योजना न बहाल करें, लेकिन जब तक बुनकरों को सस्ती बिजली नही मिलेगी। सरकार से उम्मीद बरकरार रहेगी। क्योंकि यूपी का कपड़ा उद्योग भारी संख्या में लोगों को रोजगार मुहैया कराती है। राजस्व भी देती है। केन्द्र सरकार के आत्मनिर्भर बनने के मुहिम में प्रदेश सरकार ने खुद अपने पैर में कुल्हाड़ी मार ली है। वर्षों से चली आ रही बनारस की इस पारंपरिक कला बनारसी परिधान, साड़ी को मटियामेट होते लोग देख रहे है। बैठक में  सभी तंजीमों के सरदार, महतो साहबान, महताब आलम, असलम, ज्वाला सिंह, अकरम ,बेलाल अंसारी शामिल रहे।

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