ड्रोन कैमरे से की जा रही है फसल अपशिष्ट जलाने की निगरानी

संवाददाता

बहराइच। जनपद में पराली/फसल अपशिष्ट की घटनाओं पर निगरानी के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा ड्रोन कैमरा लगाया गया है। ड्रोन कैमरा पराली/फसल अपशिष्ट जलाये जाने की घटनाओं पर सतर्क दृष्टि रखेगा तथा इसकी सूचना जिला प्रशासन को तत्काल उपलब्ध करायेगा, जिससे दोषियों पर त्वरित कार्यवाही की जा सकेगी। किसान भाइयों द्वारा खेतों में धान की पराली/फसल अपशिष्ट जलाये जाने से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है तथा मानव स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्यायें उत्पन्न हो रही है। साथ ही इससे भूमि की उर्वरा शक्ति तथा भूमि में पाये जाने वाले लाभदायक जीवाणु भी नष्ट हो रहे हैं।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली तथा सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के क्रम में पराली/फसल अपशिष्ट जलाया जाना पूर्णतया प्रतिबंधित किया गया है तथा इसे दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है। पराली/फसल अपशिष्ट जलाने की घटना की पुष्टि होने पर 02 एकड़ तक के 2500 रुपए प्रति घटना, 02 से 05 एकड़ तक के 5000 रुपए प्रति घटना तथा 05 एकड़ से अधिक के 15000 रुपए प्रति घटना पर सम्बन्धित कृषक पर अर्थ दण्ड लगाये जाने का प्राविधान है। साथ ही घटना की पुर्नरावृत्ति होने पर कारावास एवं अर्थ दण्ड दोनो का प्राविधान किया गया है। पराली/फसल अपशिष्ट को आधुनिक कृषि यंत्रों यथा मल्चर, रिवर्सेबुल एमवी प्लाऊ, श्रेडर, रोटावेटर, रोटरी स्लेशर, हैरो आदि यंत्रों का प्रयोग करते हुए खेत में मिलाकर खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाई जा सकती है अथवा कम्पोस्ट पिट में डालकर उसे सड़ाकर कम्पोस्ट खाद बनाया जा सकता है। खेतों अथवा कम्पोस्ट पिट में पराली/फसल अपशिष्ट को शीघ्र सड़ाने के लिये वेस्ट डी कम्पोजर की 20 ग्राम मात्रा को 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव किया जा सकता है। पराली को गौ-आश्रय स्थलों में संरक्षित निराश्रित पशुओं हेतु चारे एवं बिछौना के लिये दान किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त किसान भाई मैसर्स विपुल इण्डस्ट्रीज, स्थित जिओ धर्म काटा हुसैनपुर आसाम रोड रिसिया मोबाइल नम्बर 9415036952 को रुपए 150 रुपए प्रति कुन्तल की दर से विक्रय किया जा सकता है। जनपद में पराली/फसल अपशिष्ट जलाने की घटनाओं की सेटेलाइट एवं ड्रोन कैमरो से मानीटरिंग की जा रही है। साथ ही ग्राम पंचायत, न्याय पंचायत, विकास खण्ड एवं तहसीलवार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो दिन-रात भ्रमण कर कृषकों को जागरुक एवं निगरानी कर रहें है। जनपद में प्राथमिक विद्यालयों, एनसीसी, एनएसएस तथा स्काउट एवं गाइड के माध्यम से भी किसानों को जागरुक किया जा रहा है। जनपद में प्रचार वाहनों तथा बैनर पोस्टर के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। किसान भाइयों से अनुरोध है कि पराली/फसल अपशिष्ट खेतों में न जलाकर उसका समुचित उपयोग करने का कष्ट करें ताकि वायु प्रदूषण न फैले। भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़े तथा निराश्रित पशुओं को चारे की व्यवस्था भी हो जाये।

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