जापान में शुरू हुआ भारत के साथ संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’

– संयुक्त अभ्यास से दोनों सेनाओं को एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने का मौका मिलेगा

– सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से जंगी कार्रवाई के दौरान हासिल अनुभवों को साझा किया जाएगा

नई दिल्ली (हि.स.)। जापान में शिगा प्रांत के कैंप इमाजू में शुक्रवार से भारत और जापान की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ शुरू हुआ, जो 02 मार्च तक चलेगा। यह अभ्यास मौजूदा वैश्विक हालातों में दोनों देशों के लिए सामना की जाने वाली सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर अत्यंत महत्वपूर्ण और सार्थक है। इस अभ्यास के चौथे संस्करण में जंगल और अर्ध शहरी, शहरी इलाकों में सैन्य गतिविधियों के लिए प्लाटून स्तर का संयुक्त प्रशिक्षण शामिल किया गया है।

विभिन्न देशों के साथ भारतीय सेना के सैन्य प्रशिक्षण अभ्यासों की शृंखला में एक्सरसाइज ‘धर्म गार्जियन’ जापान के साथ वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इस अभ्यास में भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट के सैनिक और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेजीएसडीएफ) में मिडिल आर्मी की एक इन्फैंट्री रेजिमेंट भाग ले रही है। इस दौरान योजना बनाने तथा क्रियान्वयन में पारस्परिकता बढ़ाने के उद्देश्य से जंगी कार्रवाई के दौरान हासिल अनुभवों को साझा किया जाएगा। प्रशिक्षण अभ्यास में शामिल होने के लिए भारतीय सेना की टुकड़ी 12 फरवरी को अभ्यास स्थल पर पहुंची थी, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

सैन्य प्रवक्ता के अनुसार यह संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालनीयता, मिलनसारिता, सौहार्द और मित्रता का भाव विकसित करेगा। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र शासनादेश के तहत सामरिक संचालन करने की रणनीति, तकनीक एवं प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने में दोनों सेनाओं को सक्षम करेगा। यह प्रशिक्षण मुख्य रूप से उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस और सामरिक स्तर पर अभ्यास की गतिविधियों को आदान-प्रदान करने पर केंद्रित है।

अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैन्य कर्मी संयुक्त योजना बनाने, संयुक्त सामरिक अभ्यास, एकीकृत निगरानी ग्रिड स्थापित करने की मूल बातों को साझा करने तथा हवाई संपत्तियों की नियुक्ति सहित विभिन्न मिशनों में शामिल होंगे। संयुक्त अभ्यास से दोनों सेनाओं को एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने, अपने व्यापक अनुभव साझा करने और स्थितिजन्य जागरुकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को और बढ़ाएगा। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे और बढ़ावा मिलेगा।

सुनीत/पवन

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