चीन की विस्तारवादी नीति के विरुद्ध अभियान चलाएगा भारत तिब्बत संवाद मंच

-बौद्ध संस्कृति के लोगों को जोड़ना शुरू
लखनऊ (हि. स.)। भारत तिब्बत संवाद मंच दुनिया के सभी बौद्ध संस्कृति को मानने वाले लोगों को जोड़कर चीन की नीतियों के विरुद्ध व्यापक अभियान चलाएगा। उक्त जानकारी संयोजक डॉ संजय शुक्ला ने दी। 
भारत तिब्बत संवाद मंच के समन्वयक डॉ. संजय शुक्ला ने कुशीनगर के दो दिवसीय प्रवास के दौरान तिब्बत, थाईलैंड, वियतनाम, श्रीलंका, मलेशिया, ताइवान एवं म्यानमार के बौद्ध मंदिरों में जाकर वहां के बौद्ध भिक्षु एवं आध्यात्मिक प्रमुखों से मुलाकात कर समर्थन मांगा। जिस पर सभी ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि चीन अपने विस्तारवादी और साम्राज्यवादी सोच के कारण विभिन्न छोटी-छोटी संस्कृतियों को नष्ट कर रहा है। जिसके खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जाना चाहिए। इस दृष्टि से भारत तिब्बत संवाद मंच ने इस अभियान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चलाने एवं पूरी दुनिया में फैले बौद्ध धर्म के अनुयाईयों को जोड़ते हुए व्यापक स्तर अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में भदंत ज्ञानेश्वर, बुद्ध विहार में प्रमुख बौद्ध भिक्षुओं के साथ हुई। बैठक में भारत तिब्बत संवाद मंच के इस आभियान को व्यापक बनाने हेतु डॉ. शुभ लाल शाह (आर्थोपेडिक सर्जन) को इंटरनेशनल कोऑर्डिनेटर एवं अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान पूर्व अध्यक्ष भंते महेंद्र को अंतरराष्ट्रीय मार्गदर्शक एवं सलाहकार बनाने का निर्णय लिया गया। जो कोविड-19 काल समाप्त होने के बाद पूरी दुनिया में फैले विभिन्न बौद्ध मत व पन्थों के प्रमुखों से बात करके कुशीनगर में एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन करेंगे। जिसके बाद चीन की साम्राज्यवादी व विस्तारवादी नीति के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के साथ ही तिब्बत मुक्ति आंदोलन में सभी को जोड़ते हुए व्यापक अभियान चलाने की कार्य योजना तैयार की जाएगी।
डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि चीन की विस्तारवादी व साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ सभी को एकजुट करने के साथ ही भारत की सुरक्षा, संप्रभुता के लिए आवश्यक तिब्बत की आजादी और हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के आध्यात्मिक चेतना के केंद्र कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए समर्पित होगा। जिससे पूरी दुनिया में हिंदू, बौद्ध, जैन बिना रोक-टोक अपने आध्यात्मिक केंद्र कैलाश मानसरोवर जा सकेंगे।

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