गोरखपुर : पुलिस मुठभेड़ में बदमाश गिरफ्तार, पैर में लगी गोली

-मिथुन गैंग से जुड़ा है आरोपित धर्मदेव यादव, गौरीबाजार का है हिस्ट्रीशीटर

-धर्मदेव का एक साथी पुलिस को चकमा देकर हुआ फरार, चल रही है तलाश

-खोराबार की दिव्या दुबे हत्याकांड में शामिल था धर्मदेव, पुलिस को थी तलाश

गोरखपुर (हि.स.)। खोराबार इलाके में रामनगर कडजहां के पास रविवार की रात करीब रात 11 बजे पुलिस ने मुठभेड़ में एक बदमाश को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पर फायरिंग कर भाग रहे बदमाश को पुलिस की जवाबी कार्रवाई में पैर में गोली लगी है। वहीं उसका एक साथी चकमा देकर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला। घायल बदमाश को पुलिसवालों ने मेडिकल व कॉलेज में भर्ती कराया है।

उधर, उसके फरार साथी की तलाश की जा रही है। पकड़ा गया बदमाश मिथुन पासवान गैग से जुड़ा है। वह देवरिया के गौरीबाजार थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है।

एसपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि बदमाश की पहचान देवरिया जिले के गौरीबाजार थाना क्षेत्र के गौरी बुजुर्ग गांव निवासी धर्मदेव यादव के रूप में हुई है। धर्मदेव चौरीचौरा इलाके के रहने वाले मिथुन पासवान गैंग का सक्रिय सदस्य है। धर्मदेव पर हत्या, हत्या का प्रयास, लूट सहित कई मुकदमे दर्ज हैं। खोराबार इलाके में छह जून को हुई दिव्या दुबे हत्याकांड में भी वह दिव्या के चचेरे भाई के साथ शामिल था। खोराबार पुलिस को उसकी तलाश थी। रविवार की रात में बदमाशों की चेकिंग के दौरान बाइक सवार संदिग्ध युवकों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग कर भागने का प्रयास किया।

उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर खोराबार राहुल सिंह और क्राइम ब्रांच टीम के नेतृत्व में चौकी इंचार्ज रामनगर कडजहां चंदन सिंह, बेलवार चौकी प्रभारी शैलेन्द्र मिश्र, इंजीनियरिंग कॉलेज चौकी प्रभारी पुरुषोत्तम सिंह की टीम ने बदमाशों का पीछा करते हुए जवाबी कार्रवाई की जिसमें धर्मदेव के पैर में गोली लगी और वह बाइक सहित गिर गया जबकि बाइक के पीछे बैठा उसका साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया।

इंस्पेक्टर खोराबार राहुल सिंह ने बताया कि धर्मदेव के पास से पल्सर बाइक और डीबीएल गन बरामद हुई है। पैर में गोली लगने से घायल धर्मदेव को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। उसके साथी की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि धर्मदेव गौरीबाजार थाने का हिस्ट्रीशीटर है। खोराबार के पोखरा टोला में छह जून को हुई दिव्या दुबे की हत्या के अलावा बंगलुरु में उसने आने दोस्त की भी हत्या की थी और फरार हो गया था। बंगलुरु पुलिस को भी धर्मदेव की तलाश थी।

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