गोमती मित्र मण्डल की मेहनत रंग लाई, सीताकुण्ड घाट बना धाम
- प्रत्येक रविवार की सुबह चलता है सफाई अभियान, शाम को होती है आरती
- आस्था और श्रद्धा का केंद्र सीताकुण्ड धाम
सुलतानपुर (हि.स.)। गोमती मित्र मंडल यूं तो पिछले आठ साल से आदि गंगा मां गोमती की स्वच्छता, निर्मलता और अविरलता के लिए दृढ़ संकल्पित होकर कार्य कर रहा है। सीताकुंड धाम की भव्यता, सुंदरता और पौराणिकता बहाल करने में भी सफल रहा है। यहां प्रत्येक रविवार सुबह चलता है सफाई अभियान, शाम को आरती होती है।
नगर से होकर बहने वाली गोमती नदी के तट पर सीताकुण्ड में कोई भी त्योहार हो, धाम से जुड़े टीम के कार्यकर्ता पूरी ईमानदारी के साथ स्वच्छता, व्यवस्था को सम्हालने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते। मां गंगा गोमती के स्वच्छता अभियान में लगे गोमती मित्र मंडल ने कोरोना महामारी आपदा को अपने लिए मिले अवसर के रूप में लिया और पूर्व बंदी काल में भी सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अपने अभियान में लगे रहे।साप्ताहिक रविवासरीय आरती की परंपरा प्रभावित जरूर हुई किंतु परम्परा को टूटने नहीं दिया गया। 2012 में गंगा गोमती के तट सीताकुंड को एक मॉडल बनाने का हौसला लिए और समाजसेवा के प्रति समर्पित युवाओं की एक टीम अधिवक्ता रूद्र प्रताप के नेतृत्व में धीरे-धीरे कारवां बढ़ता गया और लोग जुड़ते गए। टीम ने जब सीताकुंड पर स्वच्छता अभियान शुरू किया तो उसकी स्थिति अत्यन्त दयनीय थी। घाट और आसपास कीचड़, कूड़े का ढेर, जंगल जैसी झाड़ियों का झुंड था। अथक परिश्रम से कुछ ही दिनों में सीताकुंड के बदलते आकर्षक स्वरूप को देखकर लोग स्वयं उनके साथ जुड़ने लगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी की सराहनागोमती मित्र मंडल के मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि आज गोमती मित्र मंडल की युवा, बाल व महिला शाखा भी अलग-अलग काम कर रही हैं। जून 2018 को मां गोमती की स्वच्छता का संदेश सरकार तक पहुंचाने को पूरी टीम ने लखनऊ में झूलेलाल पार्क स्थित गोमती नदी के घाट की सफाई की। गोमती मित्र मंडल के इस जज्बे को देखकर मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी ने इनसे मिलकर न सिर्फ उत्साहवर्द्धन किया था बल्कि इनकी कार्यशैली को भी समझा और सराहना की ।
कोरोना काल को अवसर में बदला उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के चलते पूर्ण बंदी घोषित किया गया तो गोमती मित्र मंडल ने सरकार के आदेशों का पालन करते हुए रविवार को स्वच्छता अभियान में नजदीक रहने वाले और सीमित संख्या में लोगों ने सफाई अभियान जारी रखा। अभियान से लेकर अभी तक एक रविवार भी ऐसा नही है जब टीम माँ गोमती की सफाई सेवा व सायं आरती में कोई कसर छोड़ी हो । बंदी के दौरान भी सदस्यों में पहले जैसे ऊर्जा बरकरार रहीं। कोरोना संक्रमण का असर मां गोमती की आरती पर भी पड़ता दिखाई दिया। इस दरमियान काफी कुछ बदला है । आठ वर्ष में आरती के वक्त एक हजार से अधिक श्रद्धालु इकट्ठा होते थे वहां अब सीमित संख्या में ही श्रद्धालुओं को आरती करने की अनुमति गोमती मित्र मंडल द्वारा प्रदान की जाती है। इस कोरोना काल में गोमती मित्रो ने मास्क और सामाजिक दूरी के लिए स्लोगन, गीत, संदेशों आदि के माध्यम से लोगो को जागरूक किया है ।