गोण्डा में छुट्टा घूम रहे 50 हजार आवारा जानवर

गो वंशों के संरक्षण में रुचि न लेने वाले अधिकारी हांगे दण्डित : डीएम

संवाददाता

गोण्डा। गौ आश्रय स्थलों में क्षमता के अनुरूप गो वंशों का संरक्षण न किए जाने पर जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए खण्ड विकास अधिकारियों, नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों तथा पशु चिकत्साधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है तथा अगले 15 दिनों के अन्दर उनके ब्लाकों में संचालित गौ आश्रय केन्द्रों में क्षमता के अनुसार गौवंशों का संरक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
जिला पंचायत सभागार में शुक्रवार को आयोजित समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि गौ आश्रय स्थलों की फेन्सिंग मजबूत लगाई जाय तथा गौ आश्रय स्थलों के सम्पर्क मार्ग ठीक कराए जाएं। समीक्षा बैठक में एडी पशु पालन ने बताया कि जनपद में कुल 20 गौ आश्रय केन्द्र निर्माणाधीन हैं तथा वर्तमान में 31 गौ आश्रय केन्द्र संचालित हैं जिनमें लगभग 04 हजार गौवंश संरक्षित हैं। जबकि सर्वे के अनुसार जनपद अभी लगभग 50 हजार आवारा गौवंश हैं जिन्हें संरक्षित किया जाना है। जिलाधिकारी ने सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि न्याय पंचायत स्तर पर गौ संरक्षण केन्द्र बनाए जाने हेतु भूमि का चिन्हांकन कर लें। मृत गौ वंशों के शवों का समुचित निस्तारण कराए जाने की सख्त हिदायत देते हुए उन्होंने कहा है कि गौ वंशों के मृत होने पर तत्काल पंचनामा या आवश्यकतानुसार पोस्टमार्टम कराकर निस्तारण कराया जाय। गौशाला के निर्माण व संचालन में सहयोग न करने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान बेसियाचैन के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए हैं।
सड़कों पर गौ वंशों की भारी संख्या दिखने पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि नगर निकायों तथा गावों में जहां पर निजी पशुपालकों द्वारा अपने दुधारू पशुओं को दूध निकालने के बाद छुट्टा छोड़ दिया जाता है, ऐसे लोगों को चिन्हांकित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाय। उन्होंने बैठक में सभी उपजिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि वे अपनी तहसील अन्तर्गत संचालित व निर्माणाधीन गौ आश्रय केन्द्रों की हर पन्द्रह दिन पर समीक्षा करें तथा उसकी प्रगति की रिपोर्ट से उन्हें अवगत कराएं। बैठक में सीडीओ शशांक त्रिपाठी, सिटी मजिस्ट्रेट वन्दना त्रिवेदी, एसडीएम सदर वीर बहादुर यादव, एसडीएम करनैलगंज ज्ञानचन्द्र गुप्ता, सहायक निदेशक पशुपालन, मुख्य पशु चिकत्साधिकारी, डीसी मनरेगा, डीडी एग्रीकल्चर, जिला कृषि अधिकारी तथा खण्ड विकास अधिकारीगण व नगर निकायों के अधिशासी अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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