गाजियाबाद में धर्मांतरण के मामले अज्ञात लोगों व संगठनों के खिलाफ एफआईआर

गाजियाबाद (हि.स.)। देश की राजधानी दिल्ली से सटे राजपूत बाहुल्य गांव करहेड़ा में गत दिवस वाल्मीकि समाज के 50 परिवारों के 230 सदस्यों द्वारा धर्म परिवर्तन के मामले में गुरुवार को नया मोड़ आ गया है। इस संबंध में पप्पू कॉलोनी के रहने वाले बाल्मीकि समाज के एक शख्स ने साहिबाबाद थाने में अज्ञात लोगों व संगठनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। 
मोंटू चंदेल नामक इस शख्स ने आरोप लगाया है कि कुछ अज्ञात लोगों ने वह संगठनों ने साजिश के तहत समाज में विद्वेष फैलाने के लिए धर्मांतरण का नाटक कराया है, जबकि हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि धर्मांतरण से संबंधित जो प्रमाण पत्र लगाए गए हैं वह भी जांच में संदिग्ध पाए गए हैं। 
मंटू ने अपनी तहरीर में कहा है कि कुछ समाज विरोधी ताकतों ने समाज में विद्वेष फैलाने की नीयत से एक षड्यंत्र के तहत  धर्मांतरण की अफवाह फैलाई है ताकि समाज में जातिवाद विद्वेष फैले। आपको बता दें कि गांव करेड़ा में हाथरस कांड से आहत बाल्मीकि समाज के 50 परिवार के 230 सदस्यों द्वारा जो बोध धर्म की दीक्षा लेने का मामला बुधवार को प्रकाश में आया था यह मामला उछलने के बाद जिला प्रशासन व पुलिस हरकत में आई और मौके पर जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडे एसएसपी कलानिधि कलानिधि नैथानी साथ ही साहिबाबाद के भाजपा विधायक सुनील शर्मा भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने लोगों से विस्तृत बातचीत की थी और उनकी समस्याओं का निस्तारण 10 दिन के अंदर करने का आश्वासन दिया था। साथ ही जिलाधिकारी ने अपर जिला अधिकारी नगर व एसपी सिटी को इसकी जांच भी सौंपी थी। जिसकी रिपोर्ट कल ही सौंप दी गई थी। जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि धर्मांतरण के कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए हैं। साथ ही जिला प्रशासन ने इस पूरे प्रोग्राम को संदिग्ध पर फर्जी बताया था। 

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