खेल : भिवानी की पूजा ने उज्बेक बाक्सर को हरा जीता स्वर्ण

–दुबई में चल रही है एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप
भिवानी। दुबई में चल रही एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भिवानी
की बेटी पूजा बोहरा ने 75 किलोग्राम भार वर्ग ने शानदार जीत से लगातार
दूसरा स्वर्ण पदक हासिल किया है। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी पूजा
बोहरा  वॉकओवर मिलने के बाद टूर्नामेंट का पहला मुकाबला खेल रही थी। उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन के बूते उज्बेकिस्तान की मावुलडा मोवलोनोवा
को 5-0 से पराजित किया। 
एक मुकाबले में स्वर्ण पदक जीतने से उन्हें 10 हजार
डॉलर की इनामी राशि भी मिली है। उनकी प्रतिद्वंद्वी के पास उनकी तेजी का
कोई जवाब नहीं था। इससे पहले वर्ष 2019 में भी पूजा ने एशियन चैंपियनशिप
में स्वर्ण पदक जीता था। पूजा बोहरा जीतने पर भिवानीवासियो में ख़ुशी का
माहौल है।
बता दें कि दुबई में चल रही एशियन चैंपियनशिप में जिले की
बेटियों ने तीन पदक देश की झोली में डाल दिए हैं। इनमें पूजा बोहरा,
जैस्मीन लंबोलिया और साक्षी ढांडा शामिल हैं। हालांकि जैस्मीन और साक्षी गुरुवार रात हुए सेमीफाइनल मुकाबले में हार के बाद प्रतियोगिता से बाहर हो
गई। पूजा बोहरा गुरु द्रोणाचार्य
कैप्टन हवासिंह बॉक्सिंग अकादमी में अभ्यास करती हैं। 
 पूजा के पिता हरियाणा
पुलिस से सेवानिवृत्त है। पूजा के पिता राजबीर ने बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व करते हुए कहा कि उनके बेटी ने साबित कर दिया है वह बेटों से कम नहीं है।पूजा बोहरा के कोच व द्रोणाचार्य अवॉर्डी संजय श्योराण ने बताया कि  75
किलोग्राम भार वर्ग में 5-0 से उज़्बेकिस्तान की मुक्केबाज को हराते हुए
एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने
उम्मीद जताई कि बॉक्सिंग में महिला मुक्केबाज देश के लिए मैडल लाने का काम
करेंगी।
रिश्तेदारों ने मारे थे तानेपूजा के पिता राजबीर व् माता दमयंती ने बताया की उन्होंने अपनी बेटी को खूब लाड़ प्यार से बड़ा किया है। उन्होंने कहा की बेटी को जब बॉक्सिंग में डाला तो रिश्तेदारों की खरी-खोटी सुननी पड़ी थी। रिश्तेदार अक्सर उन्हें ताने देते थे। इसके बावजूद उन्होंने किसी रिश्तेदार की परवाह नहीं की। पूजा ने भी पीछे मुड़कर नही देखा। आज वह कई मेडल जीत चुकी है।

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