क्लोरीन गैस रिसाव के बाद दीनापुर एसटीपी परिसर के आसपास की स्थिति सामान्य, लोग आक्रोशित

वाराणसी। दीनापुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में क्लोरीन गैस लीकेज पर शनिवार देर शाम ही काबू पा लिया गया है। ट्रीटमेन्ट प्लान्ट के अफसरों, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ टीम के अथक प्रयास के बाद रविवार को स्थिति सामान्य हुई। लोग रात की घटना को लेकर और कर्मचारियों की लापरवाही से आक्रोशित और तनाव ग्रस्त है।

दीनापुर एसटीपी परिसर में शाम को क्लोरीन गैस का रिसाव शुरू हो गया। जब लोग समझ पाते इसका दायरा देखते ही देखते लगभग तीन किलोमीटर की दूरी में फैलने लगा। इसकी जानकारी जलनिगम के अधिशासी अभियंता और अन्य उच्चाधिकारियों को हुई तो उन्होंने अपने स्तर से लीकेज को बंद करने का प्रयास किया। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। तब तक सूचना पाकर सारनाथ पुलिस, चेतगंज फायर बिग्रेड और एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई। 
 चेतगंज फायर ब्रिगेड की टीम और सेफ्टी ऑपरेटर प्रशांत और अनिल श्रीवास्तव ने ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क लगाकर गैस सिलेंडर का रिसाव बंद कर दिया। इसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।
उधर, गैस रिसाव से दीनापुर, रघुनाथपुर व सलारपुर में देर शाम लोगों को अचानक सांस लेने में परेशानी होने लगी। महिलाओं व बच्चों को खांसी की शिकायत देख लोग बारिश में भी उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने ट्रीटमेंट प्लांट परिसर के आसपास के परिवारों को वहां से हटा दिया। लगभग दर्जनों लोगों ने निजी अस्पताल पहुंचकर अपना उपचार कराया।
इस संबंध में जलनिगम के अफसरों का कहना है कि सीवर साफ करने के लिए इस्तेमाल होने वाली क्लोरीन गैस की टंकी के वॉल्व से शाम को अचानक रिसाव शुरू हो गया। एसटीपी दीनापुर में शोधित मलजल में बैक्टीरिया मुक्त करने के लिए क्लोरिनेशन टैंक बिल्डिंग में सुबह टेस्ट भी हुआ। इससे आसपास की बस्तियों में लोगों का दम घुटने की शिकायत देख पुलिस ने सड़क किनारे के लोगों को दूर जाने की हिदायत दी। गैस का प्रभाव परिसर में ही था।
 इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। इससे किसी प्रकार की जनहानि या संपत्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ है। माना गया कि गैस रिसाव के समय तेज बारिश के कारण गैस लीक होकर इलाके में नहीं फैल सकी। इसके पहले बीते छह जुलाई को कमच्छा जलकल में रखी टंकी से भी क्लोरीन गैस का रिसाव हुआ था। लगभग आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। कई लोग आईसीयू में भी रखे गए थे। 
सूत्रों ने बताया कि दीनापुर सीवेज ट्रीटमेंट जनपद का सबसे बड़ा प्लांट है, यहां कुल 220 एमएलडी सीवेज ट्रीट करने की क्षमता है। इसके बावजूद इसके प्लांट में घटित होने वाली आकस्मिक घटनाओं को लेकर लोगों को जागरूक नहीं किया जाता है। 

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