कोर ने अभियन्ता दिवस पर वायरिंग कर रचा इतिहास

प्रयागराज। प्रयागराज स्थित केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन ने अभियन्ता दिवस पर परियोजना संगठन द्वारा एक दिन में सर्वाधिक वायरिंग यानि कुल 138 शॉट (90 ट्रैक किमी) वायरिंग कर अपने ही बनाए पुराने कीर्तिमान को तोड़कर उपलब्धि हासिल किया है।
 कोर के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी अमिताभ शर्मा ने बताया है कि रेल विद्युतीकरण करने की प्रक्रिया में सर्वप्रथम फाउंडेशन उपरान्त मास्ट लगाया जाता है, तदुपरान्त वायरिंग की जाती है। जिसमें वायरिंग ट्रेन द्वारा दो तारों जिसमें ऊपर वाला तार कैटेनरी तथा नीचे वाला कांट्रेक्ट वायर कहलाता है, लगाया जाता है। इसी नीचे वाले तार के सम्पर्क में पेंटोग्राफ द्वारा विद्युत इंजन को ऊर्जा प्राप्त होती है जिससे ट्रेनों का संचालन होता है। इसके लिए एक वायरिंग ट्रेन की मदद ली जाती है दोनों तारों को एक साथ खोलना और धीमी गति से चलती वायरिंग ट्रेन की मदद से ट्रैक पर लगे मास्ट पर लगाना एक जटिल प्रक्रिया है। सामान्य परिस्थितियों में कोर प्रयागराज के अधीन नौ प्रोजेक्ट इकाइयों द्वारा मिलकर भी औसतन मात्र 30 शॉट (लगभग 42 ट्रैक किमी) ही वायरिंग की जाती है। 
उन्होंने बताया कि केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन प्रयागराज के महाप्रबन्धक यशपाल सिंह के निर्देशन में 14 सितम्बर को अभियन्ता दिवस के अवसर पर रेल विद्युतीकरण के इतिहास में पहली बार एक दिन में कुल 138 शॉट (90 ट्रैक किलोमीटर) वायरिंग की गई। इसमें रेल विद्युतीकरण की लखनऊ परियोजना का सर्वाधिक योगदान (107 शॉट/70 ट्रैक किमी) रहा। कोर मुख्यालय के अधीनस्थ कुल 9 परियोजनाओं ने रेल विद्युतीकरण वायरिंग के इस प्रयास में अपना योगदान दिया, परन्तु लखनऊ परियोजना द्वारा उन्नाव-बालामऊ खण्ड में 74 शॉट (50 रूट किमी) सर्वाधिक रहा। जो रेलवे के विद्युतीकरण के इतिहास में मील का पत्थर है। इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए महाप्रबन्धक (कोर) यशपाल सिंह के नेतृत्व में 24 घण्टे कार्य की योजना बनाई गई। वायरिंग ट्रेन में उच्च शक्ति के जनरेटरों से चलती ट्रेन में भी पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था की गई। इस कार्य का नेतृत्व अरुण कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, कोर द्वारा एस.के दुबे, मुख्य परियोजन निदेशक, रेल विद्युतीकरण, लखनऊ के सहयोग से किया गया।

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