कोरोनाः चीन को क्लीन चिट देने की डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पर अमेरिका समेत 14 देशों ने जताई चिंता

वॉशिंगटन (हि.स.) विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति और इसके इंसानों में फैलने की जानकारी वाली ताजा रिपोर्ट पर अमेरिका और जापान समेत 14 देशों ने चिंता जताई। रिपोर्ट के अनुसार ये वायरस चमगादड़ के जरिए इंसान में आया लेकिन कैसे, इस बारे में कुछ पता नहीं चल सका। इसमें ये भी कहा गया कि वायरस के लैब से लीक होने की बातें बेबुनियाद हैं क्‍योंकि सभी लैब अत्‍याधुनिक तकनीक से लैस हैं।

रिपोर्ट पर 14 देशों ने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट को ठीक से तैयार नहीं किया है। इसमें ऑरिजनल डाटा और सैंपल को शामिल नहीं किया गया है। इन देशों से संगठन द्वारा रिपोर्ट में देरी किए जाने पर भी आपत्ति जताई। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इस रिपोर्ट को मंगलवार को जारी किया था।

जिन देशों ने इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है कि उनमें अमेरिका, कनाडा, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, इस्‍तोनिया और इजरायल भी शामिल हैं। इन सभी ने एक बयान में कहा है कि वो विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं, साथ ही संगठन द्वारा महामारी को खत्‍म करने के जो कदम उठाए हैं वो उसके समर्थन में हैं। इतना ही नहीं वे वायरस की शुरुआत कैसे हुई और कैसे ये दूसरे देशों में फैलता चला गया इसको भी समझते हैं। इसके बावजूद इन सभी देशों ने जिस बारे में अपनी चिंता व्‍यक्‍त की है, उसको गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। जापान, लातविया, लिथुवानिया, नॉर्वे, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, स्‍लोवानिया और ब्रिटेन ने भी अन्‍य देशों द्वारा दिए गए इस बयान को सही बताते हुए इसपर अपनी सहमति दी है।

इन सभी देशों का कहना है कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की टीम के विशेषज्ञों ने चीन के वुहान में 14 जनवरी से 10 फरवरी के बीच जो रिव्‍यू किया वो इस बात को जानने का पहला कदम होगा कि ये वायरस कैसे आया और कैसे फैला। संगठन के महानिदेशक टैड्रोस एधनोम घेबरेयसस ने विशेषज्ञों से मांग की है कि इस रिपोर्ट पर दोबारा गौर कर किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने की जरूरत है।    

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