कृषि विधेयकों के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन

वाराणसी (हि.स.)। राज्यसभा में कृषि विधेयकों के पास हो जाने के बावजूद भी इसका विरोध थम नहीं रहा। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल लगातार इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे है। सोमवार को यहां भी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कचहरी वरूणापुल स्थित शास्त्रीघाट और लंका स्थित बीएचयू के सिंहद्यार पर  प्रदर्शन किया। 

शास्त्रीघाट पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्ष राजेश्वर पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे और युवा कांग्रेस के मनीष चौबे के अगुवाई में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को सम्बोधित मांगों का ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। 
प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने कहा कि सरकार ने कृषि विधेयकों को  जबरन, अलोकतांत्रिक और असंसदीय ढंग से संसद में पास कराया है। भाजपा हरित क्रांति को हराने की साजिश रच रही है। विधेयकों को काला कानून बता कार्यकर्ताओं ने कहा कि खेत खलिहान को पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने के लिए विधेयक लाया गया है। देश भर में 62 करोड़ किसान, मजदूर कानून के खिलाफ आवाज उठा रहे है। आरोप लगाया कि भाजपा के नजदीकी कुछ बड़े व्‍यापारी घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कानून लाया गया है। प्रदर्शन में फसाहत हुसैन, हसन मेंहदी, विनीत चौबे, परवेज खान, तन्मय, विश्वनाथ कुंवर आदि शामिल रहे। 
इसी क्रम में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बीएचयू के सिंहद्यार पर कृषि विधेयकों को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल विजय उपाध्याय, अरुणेश सिंह, बीएचयू एनएसयूआई अध्यक्ष अभिषेक त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि यह कानून कांट्रैक्‍ट फार्मिंग को बढ़ावा देने वाला है। सरकार की इस नीति से किसानों की परेशानी बढ़ेगी। कांट्रैक्ट फार्मिंग में कंपनियां किसानों का शोषण करती हैं। ये कानून किसानों के साथ-साथ छोटे व्यापारियों के हितों का भी विरोधी है। विधेयकों को राज्यसभा में जिस अलोकतांत्रिक और तानाशाही तरीके से पास करवाया गया,उसकी पार्टी निंदा करती है।

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