उप्र में सभी जिलों के पर्यटन स्थल होंगे विकसित, मंत्री ने कार्य योजना तैयार करने के दिए निर्देश


लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे के सभी जिलों के पर्यटन स्थलों को पूर्ण रुप से विकसित करने का निर्णय लिया है। इनमें कौशाम्बी जनपद को प्रमुख बुद्धिस्ट गन्तव्य बनाने की योजना है। सरकार की इस महात्वाकांक्षी योजना को कार्यान्वित करने के लिए प्रदेश के पर्यटन मंत्री डाॅ. नीलकंठ तिवारी ने गुरुवार को प्रदेश के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। 
विडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से आयोजित बैठक में डाॅ. तिवारी ने प्रदेश के धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक धरोहरों को प्रोत्साहित किए जाने तमाम महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की सभी पर्यटन विकास संबंधी योजनाओं को निर्धारित टाइम लाइन के अन्तर्गत पूर्ण किया जाए। 
मंत्री ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को आदेशित किया कि उनके परिक्षेत्र में क्रियान्वित पर्यटन परियोजनाओं की प्रगति का उपयोगिता प्रमाण-पत्र निदेशालय एवं शासन को अविलम्ब उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, जिससे पर्यटन विकास कार्यों में बजट उपलब्धता में किसी भी प्रकार का कोई विलम्ब न हो।
उन्होंने कहा कि योजनाओं के पूर्ण होने से पूर्व उनके रख-रखाव एवं संचालन का प्राविधान सुनिश्चित किया जाए तथा साइनेजेज के कार्य को अलग से न करते हुए इसे योजना के अन्तर्गत सम्मिलित करते हुए कार्य येाजना तैयार की जाए। योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए उन्होंने समिति बनाने की भी बात की। 
पर्यटन मंत्री ने कौशाम्बी को प्रमुख बुद्धिस्ट गन्तव्य के रूप में विकसित कराए जाने का निर्देश दिया। इसके लिए एक विस्तृत कार्ययेाजना तैयार कर मुख्यालय को यथाशीघ्र उपलब्ध कराए जाने का भी निर्देश उन्होंने जारी किया। 
वहीं क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी गोरखपुर को निर्देशित किया कि गोरखपुर में नवनिर्मित रामगढ़ताल की परियोजना में जलक्रीडा से संबंधित क्रियाओं का संचालन एवं रख-रखाव उच्च स्तरीय मापदण्डों के अनुरूप हो। उन्होंने कहा कि यह परियोजना वहां आने वाले पर्यटकों व नागरिकों के लिए पर्यटन क्षेत्र में एक नवीन पहल है। 
मंत्री ने क्षेत्रीय अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों व मण्डलांे के प्रमुख आकर्षणों को आधार बनाते हुए थीम बेस्ड प्रोजेक्ट्स की कार्य-योजना तैयार कर मुख्यालय को यथाशीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे। उन्होंने क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया  िकवे  अपने परिक्षेत्र के ललित कला एकेडमी, प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के कला संकायों के साथ समुचित समन्वय स्थापित करते हुए वहां के वास्तुकला को समाहित करते हुए कार्ययोजना बनाएं। डाॅ. तिवारी ने प्रदेश के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों से यह भी कहा कि उनके  परिक्षेत्र में संचालित पर्यटन संबंधी योजनाओं की पूरी सूची वे संबंधित विधायकों एवं जिलाधिकारी को भी उपलब्ध कराएं। साथ ही जिलाधिकारी से समन्वय स्थापित कर समस्त परियोजनाओं का ससमय अनुश्रवण कराया जाना सुनिश्चित करें। पर्यटन संबंधी विकास परियोजनाओं में लैण्ड स्केपिंग, वृक्षारोपण एवं ऊँचे पेड़ लगाये जाने के निर्देश दिए। 

बैठक के दौरान क्षेत्रीय अधिकारियों को अपने परिक्षेत्र में समस्त पर्यटक स्थलों की मैपिंग सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए गए। मंत्री ने पर्यटन नीति 2018 के अन्र्तगत प्राप्त प्रस्तावों के शीघ्र निस्तारण का भी निर्देश दिया।  बैठक के दौरान मंत्री के साथ पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम, सचिव व महानिदेशक एनजी रवि कुमार, विशेष सचिव शिवपाल सिंह, संयुक्त निदेशक अविनाश चन्द्र मिश्र अन्य उच्चाधिकारी भी उपस्थित थे। 

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