उप्र के 45 जिलों में छह करोड़ बच्चों को सोमवार से खिलाई जाएगी एल्बेण्डाजाल

लखनऊ (हि.स.)। प्रदेश के 6.6 करोड़ बच्चों को सोमवार से आशा, आगंनवाड़ी कार्यकर्ता घर–घर जाकर पेट के कीड़े मारने की दवा एल्बेण्डाजाल खिलाएंगी। यह अभियान 7 अक्टूबर तक चलेगा। यह कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग संयुक्त रूप से प्रयासरत हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डॉ. वेद प्रकाश, महाप्रबन्धक आरबीएसके व आरकेएसके ने रविवार को बताया कि प्रदेश के 45 जिलों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान सोमवार से शुरू हो रहा है। कोरोना महामारी के कारण आगंनवाड़ी केंद्र और स्कूल आदि बंद चल रहे हैं। इसलिए इस बार आशा और आगंनवाड़ी कार्यकर्ता की मदद से एक वर्ष से 19 तक बच्चों को एल्बेण्डाजाल की दवा घर-घर जाकर खिलाई जाएगी। किसी भी अभिभावक को यह टेबलेट रखने या बाद में खिलाने के लिए नहीं देनी है। यह दवा आशा, आगंनवाड़ी के सामने ही बच्चों को खिलानी है।  
डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते सभी फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं को खास प्रोटोकाल का पालन करने के निर्देश दिये गए हैं। अभियान में लगे सभी स्वास्थ्य कर्मी मास्क के साथ शारीरिक दूरी का पालन करते हुये बच्चों को दवा खिलाएंगे। उन्होंने बताया कि ज्यादा छोटे बच्चों को टेबलेट चूरा कर पानी के साथ खिलायी जाएगी। बड़े बच्चों को भी दवा चबा चबाकर ही खानी है। 
बीमार बच्चे को न खिलाएं दवा

 किसी भी तरह की बीमारी होने पर बच्चे को एल्बेण्डाजाल टेबलेट नहीं खिलानी है। यदि किसी भी तरह उल्टी या मिचली महसूस होती है तो खबराने की जरूरत नहीं। पेट में कीड़े ज्यादा होने पर दवा खाने के बाद सरदर्द , उल्टी, मिचली, थकान होना, या चक्कर आना महसूस होना एक सामान्य प्रक्रिया है। दवा खाने के थोड़ी देर बाद सब सही हो जाता है। इसके अलावा फिर भी किसी अन्य तरह की बड़ी परेशानी हो तो मुफ्त एंबुलेंस सेवा के टोलफ्री नंबर 108 से मदद ले सकते हैं।
यहां चलेगा अभियान

 मथुरा, जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, हमीरपुर, अम्बेडकरनगर, अयोध्या, देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, वाराणसी, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर , गाजियाबाद, मेरठ, मुज्जफरनगर, सहरानपुर, शामली, बदायूं , बरेली, बिजनौर , मुरादाबाद, पीलीभीत , रामपुर, संभल, मैनपुरी, जौनपुर, भदोही, आगरा, अलीगढ़, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, कुशीनगर, लखनऊ, मऊ और संकबीरनगर।

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