उप्र के बुंदेलखंड सहित कानपुर मंडल में अगले दो दिनों तक सक्रिय रहेगा मानसून

– हल्की से भारी बारिश की संभावना को लेकर किसानों को खेतों से पानी निकालने की मौसम वैज्ञानिकों की सलाह

– मौसमी प्रणालियों की श्रंखला पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मानसून को रखेंगी सक्रिय

कानपुर (हि.स.)। दक्षिण-पश्चिमी मानसून हवाएं अरब सागर से होते हुए बंगाल की खाड़ी को पार कर चुकी हैं। इन ठंडी हवाओं के साथ आई भरपूर नमी के चलते ही मौसम में भारी बदलाव दिख रहा है। मौसम प्रणाली में आया यह परिवर्तन के चलते ही उत्तर भारत में मानसूनी बादल छाए हुए हैं और कानपुर मंडल सहित पूरे बुंदेलखंड बारिश की गतिविधियां बन गई हैं। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक इन इलाकों में आने वाले जिलों में हल्की से भारी बारिश की संभावना जताई है।

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर की मौसम विज्ञान विभाग एवं भारतीय मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आज से लेकर अगले दो दिन तक कानपुर सहित पूरे दक्षिण के जिलों में मध्यम से भारी बारिश होने की पूरी संभावना प्रतीत हो रही हैं। मौसम वैज्ञानिक डॉ एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि भारतीय मौसम विभाग के न्यूमेरिकल मॉडल देखने पर ऐसी संभावना लग रही है कि कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, इटावा एवं बुंदेलखंड के सटे हुए जिलों में अगले तीन दिनों में मध्यम से भारी बारिश होने की पूरी संभावना है।

अरब सागर को पार कर हवाएं लाई उत्तर भारत में नमी

सीएसए मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मानसून हवाएं अरब सागर से होती हुई बंगाल की खाड़ी को पार करते हुए भरपूर नमी लेकर पूरे उत्तर भारत में तेजी से आ रहे हैं। इसके चलते ही इस माह के आखिरी तक यही स्थितियां दिख रही हैं। इन स्थितियों से ऐसा प्रतीत होता है कि पूरे महा मानसूनी गतिविधियां उत्तर प्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत में जारी रहेगी।

चक्रवर्ती क्षेत्र बनने से बुंदेलखंड में मानसून की बढ़ सकती हैं गतिविधियां

मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि ‘एकता फ्लाइंग’ जो राजस्थान से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सटे हुए जिलों से छत्तीसगढ़ होती हुई उड़ीसा और बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इससे एक हवाओं का चक्रवर्ती क्षेत्र मध्य प्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड से सटे हुए जिलों पर देखा जा सकता है यह मानसून की गतिविधियों को थोड़ा बड़ा भी सकता है।

किसान भाई खेतों में सिंचाई व कीटनाशकों का न करें छिड़काव

मौसम में आने वाले बदलाव की गतिविधियों को लेकर मौसम वैज्ञानिकों ने किसान भाईयों को चेताया है। वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को यह सलाह दी जा रही है कि वह अब खेतों में सिंचाई की गतिविधियां स्थगित रखें और खेतों में जल निकासी का अच्छा प्रबंध करें। कीटनाशक दवाओं के छिड़काव को भी कम से कम एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दें, क्योंकि तेज हवाओं के साथ कहीं-कहीं हल्की, कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश होने की पूरी संभावना बन रही है। इसको देखते हुए मौसमी प्रणालियां इसके लिए अनुकूल बनी हुई है।

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