इंस्पेक्टर हत्याकांड में आरोपित डब्बन को पुलिस ने अयोध्या से उठाया
फर्रुखाबाद(हि.स.)। इंस्पेक्टर रामनिवास हत्याकांड में जेल मैनपुरी जेल में बंद अनुपम दुबे के भाई डब्बन दुबे को अयोध्या से एसओजी टीम शुक्रवार को उठा लाई। डॉ अनुपम की पत्नी श्रीमती मीनाक्षी दुबे ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनके पति के खिलाफ भारत के किसी भी थाने में 2004 के बाद से कोई मुकदमा एवं एनसीआर तक दर्ज नहीं है।
पिछले 16 अक्टूबर को फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया। न्यायिक गिरफ्तारी के उपरांत मेरे पति पर रासुका तामील करने के उद्देश्य से दो फर्जी मुकदमें दर्ज किए गए हैं। पति को निर्दोष साबित करने के लिए ईश्वर एवं अधिकारियों और सत्तासीन लोगों तक अपनी बात पहुंचा रही हूं। एसपी फतेहगढ़ और जिलाधिकारी द्वारा मेरे पुत्र समान देवर अनुराग दुबे डब्बन को आज अयोध्या से एसओजी फर्रुखाबाद द्वारा उठवा लिया है।
अब उन्हें भी किसी फर्जी मुकदमे में जेल में निरुद्ध करा दिया जाएगा। अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए श्रीमती दुबे ने कहा है कि अब न्याय की गुहार किससे करूं, वह अपने को अकेला और बेबस महसूस कर रही हैं। अब मेरा और मेरे परिवार का आप सबके (मीडिया) अलावा कोई नहीं है। श्रीमती मीनाक्षी दुबे की पोस्ट पर अनेकों लोगों ने विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं व्यक्त की है।
डॉ अनुपम दुबे परिवार के नजदीकी ब्राह्मण गोपाल मिश्रा ने भी सोशल मीडिया पर घटना की जानकारी दी है। गोपाल मिश्रा का कहना है एसपी के निर्देश पर एसओजी ने आज अनुराग दुबे डब्बन को अयोध्या से उठा लिया है। वह उनके साथ ही था। फतेहगढ़ पुलिस की बहादुरी का घटनाक्रम यह था कि 16 सितम्बर को हुई एफआईआर में वादी रक्षपाल के नौकर को कल शाम 04 बजे स्थानीय पुलिस ने उसके गांव नखटपुर मोहम्मदाबाद से उठा लाई। उसके बाद से वह गायब हो गया।
आज अनुराग दुबे को अयोध्या से उठा लिया गया। जहां वह रामलला के दरबार में अपने भाई डॉ अनुपम दुबे एवं परिवारी जनों की सुरक्षा एवं संरक्षण अपने आराध्य प्रभु श्रीराम से मांगने गए थे। श्री मिश्रा ने कहा है कि अब जिले के बहादुर कप्तान, उच्चाधिकारियों और मुख्यमंत्री को अवगत करा चुके, अपनी झूठी कहानी को सच साबित करने के लिए मनगढ़ंत झूठी रिपोर्ट लिखा कर मनमानी धाराओं में जेल में निरुद्ध कर देंगे।