आम्बेडकर विवि से स्नातक में अंग्रेजी डिग्री धारकों को टीजीटी में मान्य न करने पर कोर्ट ने मांगा जवाब

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा से प्राप्त स्नातक की डिग्री को टीजीटी अंग्रेजी विषय के लिए मान्य करार न देने पर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। इसे लेकर आशीष कुमार और अन्य अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका पर न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने सुनवाई की।

याचीगण का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2016 में विज्ञापित टीजीटी अंग्रेजी के लिए आवेदन किया था। वह लिखित परीक्षा में सफल हुए और उनको साक्षात्कार में बुलाया गया। मगर साक्षात्कार में शामिल नहीं किया गया। बोर्ड का कहना है कि याचीगण के पास जो बीए की डिग्री है उसमें अंग्रेजी भाषा या अंग्रेजी साहित्य विषय के रूप में नहीं है। जबकि विज्ञापन की शर्त है कि अंग्रेजी भाषा या अंग्रेजी साहित्य में कोई एक विषय के रूप में होना चाहिए।
याचीगण का कहना था कि आम्बेडकर विश्वविद्यालय का आर्डिनेंस है कि दाखिले के समय संस्कृत, हिंदी और सामान्य अंग्रेजी अनिवार्य विषय के रूप में शामिल होंगे। विश्वविद्यालय ने इस बात का प्रमाणपत्र भी दिया है कि उनकी सामान्य अंग्रेजी, अंग्रेजी भाषा विषय के समकक्ष है। याचीगण का यह भी कहना है कि इससे पूर्व की भर्ती में आम्बेडकर विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को चयन किया गया है और अंग्रेजी अध्यापक के रूप में काम भी कर रहे हैं। बोर्ड द्वारा दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। कोर्ट ने इस मामले में दस सितंबर तक जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

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