आईएनएस विक्रांत पर उतरा भारतीय नौसेना का एमएच-60 ‘रोमियो’ हेलीकॉप्टर

– परीक्षण पूरे होने के बाद अगले माह से ऑपरेशनल होगा देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक

– हेलीकॉप्टर में लगे हैं नाइट विजन उपकरण, हेलिफायर मिसाइलें, एमके-54 टॉरपीडो और रॉकेट

नई दिल्ली(हि.स.)। भारतीय नौसेना का एमएच-60 ‘रोमियो’ हेलीकॉप्टर बुधवार को पहली बार देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक आईएनएस विक्रांत पर उतारा गया। एमएच-60आर मल्टीरोल हेलीकॉप्टर है, जो खोज और बचाव के अलावा एंटी-सबमरीन और एंटी-शिप मिशन करने में सक्षम है। हाल ही में नौसेना के बेड़े में शामिल हुआ यह अमेरिकी हेलीकॉप्टर अब पूरी तरह से काम कर रहा है। इस हेलीकॉप्टर में नाइट विजन उपकरण, हेलिफायर मिसाइलें, एमके-54 टॉरपीडो और रॉकेट लगे हैं।

देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर पिछले माह रात के समय कामोव 31 हेलीकॉप्टर उतार कर ‘नाइट लैंडिंग’ का सफल परीक्षण किया जा चुका है। सुरक्षा के लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि परीक्षण के दौरान स्वदेशी प्रकाश सहायक उपकरण और शिपबोर्न सिस्टम का इस्तेमाल किया गया, जो पूरी तरह सफल सिद्ध हुए। इससे पहले 06 फरवरी को ‘एलसीए नेवी’ की दिन में लैंडिंग और टेक ऑफ का परीक्षण किया जा चुका है। लड़ाकू विमानों के परीक्षण पूरे होने के बाद आईएनएस विक्रांत जून तक पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएगा।

देश के स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर 25 मई को भारतीय नौसेना ने मिग-29के विमान की पहली बार रात को लैंडिंग करके एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है। इस चुनौतीपूर्ण नाइट लैंडिंग ट्रायल ने विक्रांत के चालक दल और नौसेना के पायलटों के संकल्प, कौशल और व्यावसायिकता को प्रदर्शित किया। धीरे-धीरे सभी ट्रायल होने के बाद अब आईएनएस विक्रांत पूरी तरह से चालू होने के करीब एक कदम आगे बढ़ गया है। एक वर्ष के भीतर रात में लैंडिंग के साथ-साथ विमान और जहाज के बीच अनुकूलता स्थापित करने की पूरी प्रक्रिया इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बनाती है।

अब एमएच-60 ‘रोमियो’ हेलीकॉप्टर को पहली बार आईएनएस विक्रांत पर उतारकर एक और उपलब्धि हासिल की गई है। एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टरों को समुद्र में ‘उड़ता फ्रिगेट’ कहा जाता है। इस हेलीकॉप्टर में नाइट विजन उपकरण, हेलिफायर मिसाइलें, एमके-54 टॉरपीडो और रॉकेट लगे हैं। रोमियो हेलीकॉप्टर में लगे राडार और सेंसर न केवल पानी के अंदर, बल्कि पनडुब्बियों की पहचान करके समय रहते उनका शिकार भी कर सकेंगे। इस खूंखार शिकारी से हरेक पनडुब्बी का कैप्टन डरता है। यह हेलीकॉप्टर कई अलग-अलग तरह के हथियारों से लैस हो सकता है, क्योंकि इसमें हथियारों को लगाने के लिए चार प्वाइंट्स दिए गए हैं। सुरक्षा के लिए इसमें 7.62 एमएम की मशीन गन को भी लगाया जा सकता है।

सुनीत/दधिबल

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