अमेरिका में आक्रोश: चीन सरकार को बताया ‘खून की प्यासी’ और ‘सत्ता के लिए भूखी’

– वाशिंगटन के चीनी दूतावास के बाहर तिब्बत के समर्थन में रैली

वाशिंगटन (हि.स.)। अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब अमेरिकी संसद की विशेष समिति के अध्यक्ष व रिपब्लिकन सांसद माइक गैलागर ने चीन की सरकार को ‘खून की प्यासी’ और ‘सत्ता के लिए भूखी’ करार दिया है। उन्होंने वाशिंगटन में चीनी दूतावास के बाहर तिब्बत के समर्थन में हुई रैली में भारी संख्या में शामिल लोगों के साथ हिस्सा लिया। यह रैली चीन के शासन के खिलाफ 1959 के तिब्बत के असफल विद्रोह की याद में आयोजित हुई थी।

अमेरिका की राजधानी में चीनी दूतावास के बाहर आयोजित रैली में तिब्बती समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए रिपब्लिकन सांसद माइक गैलागर ने कहा कि वह आजादी और संस्कृति के लिए लड़ाई में तिब्बतियों के साहस को पहचान देना चाहते हैं। उन्होंने तिब्बती लोगों को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के ‘सांस्कृतिक नरसंहार’ का पीड़ित बताया। उन्होंने कहा कि चीनी सरकार में शामिल लोग जरा भी नहीं बदले हैं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अब भी खतरा बताते हुए उन्होंने उसे धोखेबाज, सत्ता के लिए भूखी और खून की प्यासी करार दिया।

गैलागर ने अपने संबोधन में चीन के ‘जासूसी गुब्बारे’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अमेरिकी संप्रभुता को भी कमजोर करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए चीन के लोग जासूसी गुब्बारे से लेकर एल्गोरिद्म या फेंटानिल तक का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे एक साल में 70,000 अमेरिकियों की मौत होती है।

संजीव मिश्र

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