अब एमएचसीपी, सीएचओ के अलावा आशा संगिनी भी रहेंगी ऑनलाइन

जिले की 122 आशा संगिनी को स्मार्ट फोन, 57 सीएचओ को टैबलेट और 14 एमएचसीपी को मिला लैपटॉप

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदान की जाने वाली सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर एवं सुदृढ़ बनाने हेतु स्वास्थ्य महकमा निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वजीरगंज में परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत अधीक्षक डॉ आशुतोष शुक्ला द्वारा ब्लॉक की आठ आशा संगिनियों को स्मार्ट फोन व दो सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) को टैबलेट प्रदान किया गया। साथ ही इसी कार्यक्रम के अंतर्गत एक सार्थक पहल कल की शुरुआत, परिवार नियोजन के साथ’ थीम को लेकर आशा कार्यकर्ताओं को परिवार नियोजन किट उपलब्ध करायी गयी। राज्य व जनपद स्तर के अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों द्वारा उक्त कार्यक्रम का अनुश्रवण व मानीटरिंग भी किया गया। ब्लॉक के दो सीएचओ को टैबलेट और तीन एमएचसीपी (मैटरनल हेल्थ कम्युनिटी प्रॉसेस स्टाफ नर्स) को लैपटॉप पहले ही वितरित किया जा चुका है। इस अवसर पर अधीक्षक डॉ आशुतोष शुक्ला ने कहा कि पूरे स्वास्थ्य महकमे को टेक्नोलॉजी फ्रेंडली बनाने हेतु सरकार नित नए क़दम उठा रही है। जिस के क्रम में स्वास्थ्य महकमे से जुड़ी आशा संगिनियो को स्मार्टफोन एवं कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर्स को टेबलेट का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार आशा संगिनी और कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर्स को टेक्नोलॉजी सुविधाओं से लैस करते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने हेतु निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि आशा संगिनियां को स्मार्ट फोन के उपयोग से फील्ड में काम करने में काफी सहूलियत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आशा संगिनी भी अब आनलाइन रहेंगी। सरकार की ओर से उन्हें स्मार्ट फोन उपलब्ध कराए गए हैं। विकास कार्यक्रमों को आम लोगों तक पहुंचाने में आशाएं और आशा संगनियों की अहम भूमिका है। उनके काम को सुविधा जनक और हाईटेक बनाने के लिए शासन ने स्मार्ट फोन दिए हैं, ताकि वह अपनी रिपोर्टिंग आसानी व तेजी से कर सकें। उन्होंने आशा संगनियों से कहा कि गैर संचारी रोगों से संबंधित जानकारियां स्मार्ट फोन में एनसीडी ऐप में भरें। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी एसबी वर्मा द्वारा मोबाइल एप्लीकेशन एवं मैसेज के जरिए आशा को परिवार नियोजन सामग्री हेतु इंडेंट करने तथा स्टॉक अपडेट व खारिज करने की जानकारी दी गई। राज्य स्तरीय टीम द्वारा नई पहल किट वितरण एवं सारथी वाहन को परिवार नियोजन सामग्री उपलब्ध कराने व पोर्टल पर खारिज करने की जानकारी दी गई। वहीं डीसीपीएम डॉ आरपी सिंह ने बताया कि काम की निगरानी और सुरक्षा के लिए डिवाइस में जीपीएस लगा हुआ है। उन्होंने आशा संगनियों से कहा कि स्मार्ट फोन सरकारी संपत्ति है। इन्हें संभालकर रखें। दुरुपयोग हरगिज न करें। स्वास्थ्य सेवाओं एवं आंकड़ों में सुधार लाने के उद्देश्य से परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत जिले की 122 आशा संगिनीयों को स्मार्ट फोन, 57 सीएचओ को टैबलेट और 14 एमएचसीपी को लैपटॉप से प्रदान किया गया है। जिला कार्यक्रम समन्वयक रंजीत सिंह ने बताया कि आशा संगनियों के बाद अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों के दायरे में काम करने वाली आशाओं को भी स्मार्ट फोन मिलेंगे। उन्होंने कहा कि गैर संचारी रोगों के अलावा मातृ एवं शिशु मृत्यु, गर्भवती महिलाएं, परिवार नियोजन, जननी सुरक्षा और प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की जानकारी भी स्मार्ट फोन से ली जाएगी।

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