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बाबा श्री दुःखहरण नाथ मंदिर में श्रीराम चरित्र मानस कथा

संवाददाता रोहित कुमार गुप्ता उतरौला (बलरामपुर)
बलरामपुर रविवार को बाबा श्री दुःखहरण नाथ मंदिर में श्रीराम चरित्र मानस कथा के दूसरे दिन का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया गया। महंथ मयंक गिरि जी महाराज और मुख्य यजमान चिन्ता राम यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कथा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अयोध्या धाम के अशर्फी भवन से पधारे संत सर्वेश जी महाराज ने मंगलाचरण से कथा की शुरुआत की।
संत सर्वेश जी महाराज ने श्रोताओं को प्रजापति दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ की कथा सुनाई, जिसमें भगवान शंकर को आमंत्रित न करने की बात कही गई। उन्होंने विस्तार से बताया कि शंकर भगवान ने माता सती को यज्ञ में न जाने की सलाह दी, फिर भी सती वहां पहुंचीं, जहां दक्ष ने भगवान शंकर का अपमान किया। इससे व्यथित होकर माता सती ने अग्निकुंड में अपने प्राण त्याग दिए। इसके बाद भगवान शंकर ने क्रोधित होकर वीरभद्र का रूप धारण किया और दक्ष का सिर धड़ से अलग कर दिया। बाद में देवताओं और ऋषियों की प्रार्थना पर भगवान शंकर ने यज्ञ को संपन्न कराया।
बालिका दिवस के उपलक्ष्य में महाराज जी ने विशेष रूप से बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में सभी की भागीदारी का आग्रह किया और कहा कि समाज को बेटियों को संरक्षण और बेहतर संस्कार देना चाहिए। इसके साथ ही संत जी ने माता-पिता की सेवा और नशा मुक्ति के महत्व पर भी जोर दिया, जो एक गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
इस धार्मिक आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही। मुख्य अतिथियों में अध्यक्ष प्रतिनिधि अनूप चन्द्र गुप्ता, अर्पित गुप्ता, ओम प्रकाश गुप्ता, संतोष सोनी, दीपक चौधरी, महेश गुप्ता, सरंजीत सैनी, अजय चौरसिया, संदीप गुप्ता, बबलू गुप्ता, विशाल गुप्ता, गुलशन गुप्ता, विश्वनाथ गुप्ता, प्रखर गुप्ता, नितिन पण्डित, अशोक चौरसिया, और आर्यन गुप्ता सहित कई श्रद्धालु इस पावन अवसर पर उपस्थित रहे।

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