असग़र गोंडवी फॉउंडेशन गोंडा के तत्वावधान में आयोजित 20वीं तरही शेरी नशिस्त

होंडा गोंडा द ब्लड मैन के संस्थापक अनस अहमद की कन्विनेरशिप में एक तरही शेरी नशिस्त का आयोजन राजा मैरिज हॉल में किया गया जिसकी सदारत अमहद ख़ान रिटायर्ड प्रिंसिपल डाएट ने की और निज़ामत हैदर गोंडवी ने की।
मेहमाने ख़ुसूसी रामनगर के उस्ताद शायद ज़मीर फ़ैज़ी रहे जबकि मेहमाने एज़ाज़ी के तौर पर सामाजिक कार्यकर्ता मनीष शुक्ला ने शिरकत की।
मुजीब अहमद की सरपरस्ती में मिसरा तरह “रस्ता किसी तरफ का भी डर ने नहीं दिया” पर सभी शायरों ने अपना अपना कलाम पेश किया।

जनाब ज़मीर फ़ैज़ी रामनगर ने कहा कि –
ऐसा नहीं कि साया शजर ने नहीं दिया
मौक़ा हमारे अज़्मे सफर ने नहीं दिया

जनाब नजमी कमाल ने कहा कि-
ज़ुल्मत के दौर में जहां ख़ामोश थे सभी
मुझको मेरे क़लम ने ठहरने नहीं दिया

जनाब आफाक़ अंजुम फखरपुर ने कहा कि-
मेरी ही जायदाद के कमरे का एक तख़्त
मुझको ही मेरे लख्ते जिगर ने नहीं दिया

जनाब मुजीब गोंडवी ने कहा कि-
तुग़यानियाँ ही लाईं हैं मंज़िल तलक इन्हें
फिर राह कैसे तुझको भंवर ने नहीं दिया

जनाब अनवार जरवली ने कहा कि-
जीने का रंग – ढंग भी देती रही हयात
साँसों पे ऐतबार भी करने नहीं दिया

अज़ीज़ मीरगंजवी ने कहा कि-
उसने अना का नश्शा उतरने नहीं दिया
खुद मर गया ज़मीर को मरने नहीं दिया

हैदर गोंडवी ने कहा कि-
वो आएगा पलट के किसी दिन मेरी तरफ
मुझको इसी ख़्याल ने मरने नहीं दिया

जनाब वक़ार हरचन्दवी ने कहा कि-
परदेस में रखा मुझे गर्दिश ने वक़्त की
घर में क़याम चैन से करने नहीं दिया

जनाब आतिफ़ गोंडवी ने कहा कि-
दुश्मन के वार,दोस्त की चालें,तेरा सुलूक
हमने किसी भी घाव को भरने नहीं दिया

जनाब जमशेद वारसी ने कहा कि-
मेरी मशक़्क़तों ने बनाया मेरा वजूद
साया मुझे किसी भी शजर ने नहीं दिया

जनाब आतिश नदीम ने कहा कि-
फिर क्या बचेगा साथ मे तेरा दिया हुवा
इस वास्ते भी ज़ख्म को भरने नहीं दिया

जनाब आक़िफ़ खोचड़ ने कहा कि-
जो घास दिल में तुमने उगाए थे इश्क़ के
तेरे सिवा किसी को भी चरने नहीं दिया

ख़ालिद बेग ने कहा-
मैं टूट तो चुका हूँ मगर इस जहान में
तेरी मुहब्बतों ने बिखरने नहीं दिया

जनाब अल्हाज गोंडवी ने कहा कि-
अल्लाह दूर रक्खे कि मकरो फरेब ने
किरदार आदमी का संवरने नहीं दिया

जनाब अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि-
दरिया की तरह बहने की फितरत रही मेरी
हालात ने कभी भी ठहरने नहीं दिया

जनाब अरबाज़ ईमानी ने कहा कि-
हैरत है मानता है ज़माना उसे तबीब
जिसने किसी भी ज़ख़्म को भरने नहीं दिया

डॉ आफताब आलम,अफसर हुसैन, सुफ़यान मुजीब और सूफी गोंडवी ने भी अपने कलाम पेश किए।

इस मौके पर ख़ास तौर से बाबू इसराइल, हारून एडवोकेट, डॉ असलम हाशमी, आमिल अंसारी, इरफान मोईन, मुशीर मैकश, अज़्म गोंडवी, कौसर सलमानी, काशिफ़, गुड्डू हसन, कलीम सोनू, इमरान मसऊदी आदि मौजूद रहे।

आतिफ़ गोंडवी
जनरल सेक्रेटरी
असग़र गोंडवी फॉउंडेशन, गोंडा।

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