24 घंटे पहले तैयार होगा चार्ट, बिना कन्फर्म टिकट पर नहीं कर सकेंगे यात्रा
नेशनल डेस्क
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे वेटिंग टिकट के नए नियम के अनुसार यात्रियों की सुविधा और ट्रैवल अनुभव को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए चार्ट बनाने में अहम बदलाव किया है। अब ट्रेनों का रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन के प्रस्थान से 24 घंटे पहले तैयार किया जाएगा। पहले यह चार्ट केवल चार घंटे पहले बनाया जाता था, जिससे वेटिंग टिकट यात्रियों को अंतिम समय तक सीट कन्फर्मेशन की जानकारी नहीं मिलती थी।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह व्यवस्था फिलहाल बीकानेर डिवीजन में 6 जून से लागू कर दी गई है। इसे चरणबद्ध तरीके से देश के अन्य डिवीजनों में भी लागू किया जाएगा। नए नियम का उद्देश्य यात्रियों को पहले से उनकी यात्रा की स्थिति की जानकारी देना है।
रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था तत्काल टिकटों पर लागू नहीं होगी। तत्काल बुकिंग और उनकी कन्फर्मेशन प्रक्रिया पूर्ववत जारी रहेगी। वहीं, IRCTC के माध्यम से बुक किए गए टिकट यदि कन्फर्म नहीं होते हैं, तो वे स्वतः रद्द हो जाते हैं। जबकि काउंटर टिकट पर यात्रा करने वाले कई यात्री बिना कन्फर्म टिकट लेकर ट्रेन में चढ़ जाते हैं, जिससे सीट प्राप्त यात्रियों को असुविधा होती है।
पीडीएफ डाउनलोड करें: https://nwr.indianrailways.gov.in/uploads/files/1416206396757-Reservation%20Rules.pdf
1 मई से वेटिंग टिकट यात्रियों के लिए लागू हुआ नया नियम
रेलवे ने 1 मई, 2025 से वेटिंग टिकटधारकों को AC और स्लीपर कोच में यात्रा करने से प्रतिबंधित कर दिया है। यदि कोई यात्री वेटिंग टिकट पर स्लीपर या AC कोच में यात्रा करता हुआ पाया गया, तो उस पर जुर्माना लगेगा।
उल्लंघन की स्थिति में यात्रियों को देना होगा जुर्माना:
स्लीपर कोच में वेटिंग टिकट यात्रा- ₹250 जुर्माना और AC कोच में वेटिंग टिकट यात्रा- ₹440 जुर्माना।
साथ ही, उस स्टेशन से किराया भी वसूला जाएगा जहाँ से ट्रेन शुरू हुई थी, उस स्टेशन तक जहाँ यात्री पकड़ा गया। रेलवे के अनुसार, वेटिंग टिकटधारकों को अब केवल जनरल कोच में ही यात्रा करने की अनुमति होगी।
वेटिंग टिकट का फर्स्ट AC तक अपग्रेडेशन बंद
रेलवे ने 21 मई से वेटिंग टिकट अपग्रेडेशन नीति में बदलाव करते हुए स्लीपर से सीधे फर्स्ट AC तक ऑटो-अपग्रेडेशन की प्रक्रिया समाप्त कर दी है। अब स्लीपर क्लास के टिकट केवल दो श्रेणियों ऊपर यानी थर्ड AC (3A) या सेकेंड AC (2A) तक ही अपग्रेड किए जा सकेंगे। फर्स्ट AC (1A) में अब सीधा अपग्रेड संभव नहीं होगा।
इसी तरह, थर्ड AC के टिकट को अधिकतम फर्स्ट AC तक अपग्रेड किया जा सकता है। यह बदलाव रिजर्व्ड कोच में सीटों के अधिक समुचित आवंटन और उच्च श्रेणी के कोचों में भीड़ नियंत्रित करने के उद्देश्य से किया गया है। CRIS (सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉरमेशन सिस्टम) इस बदलाव को लागू करने के लिए अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट कर रहा है।
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IRCTC टिकट बुकिंग के लिए अब मोबाइल वेरिफिकेशन अनिवार्य
रेलवे द्वारा जारी एक अन्य निर्देश के अनुसार, 1 मई, 2025 से IRCTC की वेबसाइट या ऐप से की जाने वाली सभी बुकिंग के लिए OTP आधारित मोबाइल सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम बुकिंग प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने और दुरुपयोग रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।
रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि अपग्रेडेशन होने के बावजूद यात्री का PNR नंबर वही रहेगा। अगर यात्री टिकट को रद्द करता है, तो रिफंड मूल श्रेणी के किराए के आधार पर ही दिया जाएगा, न कि अपग्रेडेड श्रेणी के अनुसार। रेलवे के ये नए कदम यात्रियों की यात्रा को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में माने जा रहे हैं।
