आइसीआइटी की माइक्रो टॉक प्रतियोगिता में दिखी पावर टाक की झलक
संवाददाता
गोंडा। जिले के आइसीआइटी कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर में रविवार को आयोजित ’माइक्रो टॉक टू मिनट्स प्रतियोगिता’ में छात्रों ने अपनी प्रतिभा, आत्मविश्वास और वक्तृत्व कौशल का ऐसा प्रदर्शन किया कि निर्णायक मंडल तक चकित रह गया। माइक्रो टॉक टू मिनट्स प्रतियोगिता का उद्देश्य केवल एक प्रतियोगिता भर नहीं था, बल्कि यह एक ऐसा मंच था, जहां छात्रों को उनके आत्मबल, सोच और बोलने की स्पष्टता का सार्वजनिक प्रदर्शन करने का अवसर मिला। कार्यक्रम में कुल 34 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो संस्थान के ओ लेवल कोर्स में अध्ययनरत हैं।
माइक्रो टॉक प्रतियोगिता की विशिष्ट शैली थी कि प्रत्येक प्रतिभागी को एक डिब्बे से पर्ची निकालनी होती थी, और उस पर्ची में लिखे गए विषय पर उसे दो मिनट तक बोलना होता था। इस अभ्यास से छात्रों की सोचने, समझने और बोलने की दक्षता की वास्तविक परीक्षा हुई। माइक्रो टॉक प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में वरिष्ठ पत्रकार जानकी शरण द्विवेदी, प्रो. दिलीप शुक्ला, शिक्षाविद अजय पाठक और श्रीमती स्वाति मिश्रा शामिल रहीं। इन सभी निर्णायकों ने एक स्वर में कहा कि यह माइक्रो टॉक टू मिनट्स प्रतियोगिता छात्रों के व्यक्तित्व निर्माण का उत्कृष्ट माध्यम है। सभी प्रतिभागियों ने अपने विषयों पर प्रभावशाली और तर्कपूर्ण बातें रखीं।
यह भी पढें: प्रयागराज कमिश्नर समेत 11 IPS अधिकारियों का तबादला
माइक्रो टॉक प्रतियोगिता के विजेताओं ने जीता सबका दिल
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सिद्धांत सिंह को मिला, जिनका विषय था ’मेरा सपना, मेरी जिम्मेदारी’। द्वितीय स्थान पर रहे देवेंद्र कौशल, जिन्होंने ’पढ़ाई से मेरी अनबन : एक पुराना रिश्ता’ विषय पर बेबाक बात की। तृतीय स्थान स्वदेश साहू को मिला, जिन्होंने ’अहिंसा का महत्व आज के युग में’ पर गहन विश्लेषण किया। चौथे स्थान पर निधि सिंह रहीं, जिनका विषय था ’ऑनलाइन शिक्षा का भविष्य’, और पाँचवाँ स्थान अंशुमान शुक्ला को मिला, जिन्होंने ’मुझे क्या करना पसंद है’ विषय पर आत्म-विश्लेषण प्रस्तुत किया। इन सभी विजेताओं को निर्णायक मंडल द्वारा ट्रॉफी भेंट कर सम्मानित किया गया।
माइक्रो टॉक प्रतियोगिता में आए विचारों ने दी दिशा
इस मौके पर अपने सम्बोधन में जानकी शरण द्विवेदी ने कहा कि आप सब सिर्फ भारत का भविष्य नहीं हैं, बल्कि वर्तमान की वह शक्ति हैं, जो आने वाले कल की दिशा तय करती है। आप वह दीप हैं जो न सिर्फ अपने लिए रोशनी करता है, बल्कि पूरे समाज को राह दिखाता है। आज के इस युग में जब परिवर्तन बहुत तेज़ी से हो रहा है, तब युवाओं की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
आपकी सोच, आपका आत्मबल और आपकी मेहनत ही तय करती है कि समाज किस ओर जाएगा, विकास की ओर या ठहराव की ओर। उन्होंने कहा कि आपको यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि हर बड़ा बदलाव छोटी-छोटी कोशिशों से ही शुरू होता है। अगर अब्दुल कलाम जी ने बचपन में सपने देखना नहीं सीखा होता, तो शायद वो मिसाइल मैन न बनते। अगर भगत सिंह ने देश के लिए कुछ कर गुजरने की सोच न रखी होती, तो इतिहास उनकी वीरगाथा से वंचित रह जाता।

यह भी पढें: संघर्षविराम के बावजूद सीमा पर तनाव
प्रो. दिलीप शुक्ला ने कहा कि युवाओं के पास ऊर्जा है, जोश है, विचार हैं, और सबसे बड़ी बात उनमें कुछ नया करने की जिद है। यही आपकी सबसे बड़ी ताकत है। लेकिन इस ताकत को सही दिशा देना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि गुस्से को संघर्ष में बदलें, तनाव को लक्ष्य में बदलें और आलोचनाओं को आत्ममंथन में बदल दें। प्रो. शुक्ल ने कहा कि आज देश को ऐसे युवाओं की ज़रूरत है जो न केवल अपने लिए सोचें, बल्कि समाज, पर्यावरण, गरीब और वंचित वर्ग के लिए भी संवेदनशील रहें। जो मोबाइल स्क्रीन से ज़्यादा ज़मीन की हकीकत को पहचानते हों। जो केवल समस्याएं गिनाने वाले नहीं, बल्कि समाधान देने वाले बनें।
शिक्षाविद अजय पाठक ने कहा कि अक्सर लोग कहेंगे कि आप नहीं कर सकते, लेकिन आपका आत्मविश्वास ही आपकी सबसे बड़ी पूंजी है। हर सुबह उठिए, खुद से कहिए मैं कर सकता हूं, मैं करके दिखाऊंगा। आपके विचार आपके शब्द बनते हैं, आपके शब्द आपके कर्म बनते हैं, और आपके कर्म ही आपकी पहचान बनते हैं। इसलिए सोच सकारात्मक रखें, कर्म रचनात्मक रखें, और सपने विशाल रखें।
श्रीमती स्वाती मिश्रा ने कहा कि आज के दिन हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाने का संकल्प लें, जहां युवा सिर्फ नौकरी मांगने वाले न हों, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। जहां युवा सिर्फ डिग्री तक सीमित न हों, बल्कि विकास के वाहक बनें। आपमें अपार संभावनाएं हैं। उन्हें पहचानिए, उन्हें निखारिए और उन्हें राष्ट्र निर्माण में लगाइए। उन्होंने कहा कि बोलना केवल शब्दों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, विचारों की स्पष्टता और व्यक्तित्व का प्रतिबिंब होता है।
यह भी पढें: रामभक्त अब्दुल कलाम ने पाक को दी शर्मनाक शिकस्त!
माइक्रो टॉक प्रतियोगिता आइसीआइटी का सशक्त प्रयास
संस्थान के निदेशक संतोष कुमार गुप्ता ने कहा कि माइक्रो टॉक टू मिनट्स प्रतियोगिता जैसे आयोजन छात्रों में नेतृत्व क्षमता, आत्मबल और रचनात्मकता को बढ़ाते हैं। उन्होंने निर्णायकों का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान व आभार प्रकट करते हुए कहा कि मंच ही वह माध्यम है, जहां से प्रतिभा निखरती है। कार्यक्रम में शिक्षकगण शिवम सिंह, कनक मिश्रा, आंचल मौर्या, गणेश कुमार, सतीश पाण्डेय समेत अन्य शिक्षक व स्टाफ उपस्थित रहे। प्रतिभा को निखारने के लिए मंच जरूरी है और माइक्रो टॉक टू मिनट्स प्रतियोगिता उसी मंच का नाम है, जहां छात्रों ने अपनी प्रतिभा का दीपक प्रज्वलित किया।

हमारे वाट्सऐप चैनल को फालो करें : https://whatsapp.com/channel/0029Va6DQ9f9WtC8VXkoHh3h
आवश्यकता है संवाद सूत्रों की www.hindustandailynews.com को गोंडा के सभी न्याय पंचायतों, विकास खण्डों व समाचार की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों पर ऐसे युवा व उत्साही संवाद सूत्रों की आवश्यकता है, जो स्मार्ट फोन इस्तेमाल करते हैं। सामाजिक रूप से जागरूक हों। अपने आसपास घटित होने वाली घटनाओं से भिज्ञ रहते हों। मोबाइल पर बोलकर अथवा लिखकर हिंदी टाइपिंग कर लेते हों तथा वीडियो बना लेते हों। इसके साथ ही प्रदेश के सभी 18 मण्डल और जनपद मुख्यालयों पर भी हमें संवाददाता की आवश्यकता है। इच्छुक युवक युवतियां अपना बायोडाटा निम्न पते पर भेजें : hindustandailynews1@gmail.com जानकी शरण द्विवेदी प्रधान सम्पादक मोबाइल – 9452137310
कलमकारों से: पोर्टल पर प्रकाशन के इच्छुक कविता, कहानियां, महिला जगत, युवा कोना, सम सामयिक विषयों, राजनीति, धर्म-कर्म, साहित्य एवं संस्कृति, मनोरंजन, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं तकनीक इत्यादि विषयों पर लेखन करने वाले महानुभाव अपनी मौलिक रचनाएं एक पासपोर्ट आकार के छाया चित्र के साथ मंगल फाण्ट में टाइप करके हमें प्रकाशनार्थ प्रेषित कर सकते हैं। हम उन्हें स्थान देने का पूरा प्रयास करेंगे : जानकी शरण द्विवेदी, प्रधान संपादक मोबाइल- 9452137310 E-Mail : hindustandailynews1@gmail.com
