वाराणसी में पांच साल में दस गुना बढ़ गयी पर्यटकों की संख्या

– जुलाई 2022 में आंकड़ा पहुंचा 40 लाख के पार, विश्व पर्यटन मानचित्र पर तेजी से उभर रही काशी

वाराणसी (हि.स.)। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के भव्य और विस्तारित स्वरूप को देखने की ललक अब पूरी दुनिया में बढ़ रही है। काशी के ऐतिहासिक एवं धार्मिक विरासत के सरंक्षण एवं विकास के साथ हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं से बदली प्राचीन शिव नगरी की तस्वीर लोगों को भाने लगी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात के चलते काशीपुराधिपति की नगरी का आकर्षण पहले से काफी बढ़ गया है। इसका असर यहां पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के रूप में साफ दिख दिखने लगा है। भारतीय पर्यटकों के अलावा विदेशी मेहमानों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। बीते पांच सालों की तुलना में वाराणसी में देसी पर्यटकों की संख्या दस गुना तक बढ़ गयी हैं। पर्यटन विभाग की ओर से जनवरी 2017 से लेकर जुलाई 2022 तक के आंकड़े इसकी मूक गवाही दे रहे हैं। पिछले दो सालों में कोविड महामारी के चलते विदेशी सैलानियों की आवाजाही में जो ठहराव आ गया था, उसमें इस साल तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

पर्यटन उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2022 में महज जुलाई माह में वाराणसी पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 40 लाख 3 हजार 288 है, जो जुलाई 2017 के 4,61,650 के मुकाबले करीब दस गुना ज्यादा है। विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी कोरोना काल के बाद 174 गुना का बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2022 की जुलाई में 12,578 विदेश पर्यटक बनारस पहुंचे, जबकि 2021 में ये संख्या महज 72 थी। इसी साल सावन माह में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड आमद वाराणसी में हुई। पर्यटन विभाग की ओर से अभी केवल जुलाई 2022 तक के आंकड़े जारी किये गये हैं, जबकि इसमें सावन और देव दीपावली के आंकड़े शामिल नहीं हैं। सावन और देव दीपावली में वाराणसी पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है।

पर्यटन उद्योग से जुड़े एवं बनारस होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष गोकुल शर्मा बताते हैं कि बेहतर कनेक्टिविटी के चलते पर्यटक वाराणसी के साथ ही अयोध्या, विंध्याचल और प्रयागराज भी जा रहे हैं। छुट्टियों, पर्वों एवं त्योहारों में काशी में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी है। टेंट सिटी, रिवीर फ्रंट, नमो घाट जैसी पर्यटन, परिवहन तथा मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करने वाली परियोजनाओं के पूरा होने के बाद वाराणसी और मिर्जापुर मंडल में पर्यटन उद्योग को और ऊंचाई मिलेगी।

इसलिए बनारस में बढ़ रहे सैलानी

उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनामी बनाने में पर्यटन उद्योग अहम भूमिका अदा करने वाला है। योगी सरकार की ओर से प्रदेश के पर्यटन स्थलों का विकास, कनेक्टिविटी और वहां मूलभूत सुविधाएं तथा बेहतर कानून व्यवस्था देने से प्रदेश में पर्यटकों के लिए अनुकूल माहौल बना गया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण वाराणसी बनकर उभरा है, जो विश्व के पर्यटन मानचित्र पर तेजी से उभरकर सामने आया है। इसकी वजह है वाराणसी का चौतरफा विकास। सड़कों और फ्लाईओवर का जाल, सुगम पार्किंग, पर्यटकों के लिए सुविधाएं और सुदृढ़ कानून व्यवस्था। इसके अलावा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने वाराणसी और आसपास की मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाया है, जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गयी है। इसके अलावा गंगा और घाटों की सफाई, गौतमबुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ का विकास, गंगा में क्रूज आदि पर्यटकों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कारण बन रहे हैं।

श्रीधर

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