रेलवे ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 6.4 लाख मानवदिवस के रोजगार का सृजन किया : पीयूष गोयल

नई दिल्ली। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि भारतीय रेलवे कोरोना संकट में गृह राज्यों को लौटे प्रवासी श्रमिकों के लिए 6.4 लाख मानवदिवस के बराबर रोजगार सृजन कर चुका है। 
 रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा, कोरोना संकट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरीब कल्याण रोजगार योजना प्रवासी श्रमिकों के लिये एक वरदान बन कर आई है। उन्होंने कहा इसके तहत रेलवे द्वारा 6.4 लाख मानवदिवस के बराबर रोजगार सृजन कर 1,410 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है। 
 रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय रेलवे ने गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित 6 राज्यों में 6,40,000 लाख से अधिक मानवदिवस का रोजगार सर्जित किया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल इन परियोजनाओं में हुई प्रगति और इस योजना के तहत इन राज्यों के प्रवासी मजदूरों के लिए जुटाए गए कार्य के अवसरों के बारे में नजदीकी निगरानी कर रहे हैं। इन राज्यों में 2,988 करोड़ रुपये की लागत की लगभग 165 रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निष्पादन किया जा रहा है।
 21 अगस्त तक, 12,276 श्रमिक इस अभियान में शामिल किए गए हैं और लागू की जा रही इन परियोजनाओं के लिए ठेकेदारों को Rs 1,410.35 करोड़ रुपये का भुगतान जारी किया गया है। रेलवे ने प्रत्येक जिले के साथ-साथ इन राज्यों में भी नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं ताकि राज्य सरकार के साथ नजदीकी समन्वय स्थापित हो सके। 
 रेलवे ने इस योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों की संख्या की पहचान की है ये कार्य (i) लेवल क्रासिंग के लिए पहुंच सड़कों का निर्माण और रखरखाव (ii) सिल्टेड जलमार्ग, खाइयों और नालों का विकास और सफाई (iii) रेलवे स्टेशनों के लिए पहुंच सड़क निर्माण और रखरखाव (iv) मौजूदा रेलवे तटबंधों व कटिंग की मरम्मत और चौड़ीकरण (v) रेलवे की भूमि की अंतिम सीमा पर वृक्षारोपण करना और (vi) मौजूदा तटबंधों, कटाव व पुलों का संरक्षण से संबंधित हैं।
 उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी द्वारा प्रभावित प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या में अपने क्षेत्रों/गांवों में वापसी को देखते हुए इन लोगों को सशक्त बनाने और आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए 20 जून, 2020 को गरीब कल्याण रोज़गार अभियान नामक बड़े रोजगार एवं ग्रामीण सार्वजनिक कार्य अभियान की शुरूआत की थी। 
प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की थी कि गरीब कल्याण अभियान के तहत टिकाऊ ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। 125 दिनों का यह अभियान, मिशन मोड में चलाया जा रहा है और 116 जिलों में 25 श्रेणियों के कार्य, गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 6 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के इन जिलों में प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या है। इस अभियान के तहत सार्वजनिक कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें 50,000 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है। यह अभियान ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन और राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़कें, दूरसंचार और कृषि जैसे 12 विभिन्न मंत्रालयों व विभागों के बीच एक समावेशी प्रयास है ताकि 25 सार्वजनिक बुनियादी ढांचा कार्यों तथा आजीविका के अवसरों में बढ़ोतरी से संबंधित कार्यों को तेजी से लागू किया जा सके। 
 उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस साल 20 जून को गरीब कल्याण रोजगार अभियान नाम से एक व्यापक रोजगार-सह-ग्रामीण सार्वजनिक कार्य मुहिम का शुभारम्भ किया था। 125 दिन के इस अभियान में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा सहित 6 राज्यों के 116 जिलों में घर लौटने वाले प्रवासी कामगारों को ध्यान में रखते हुए 25 श्रेणियों के कार्यों व गतिविधियों के कार्यान्वयन पर जोर शामिल है। प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत टिकाऊ ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी। 

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