रुद्रावतार योगी आदित्यनाथ के नेक इरादों से मारा गया विकास दुबे : शहीदों के परिजन

– घटना में शामिल पुलिस भेदियों पर सजा मिलने की बढ़ी उम्मीदें


लखनऊ/कानपुर(एजेंसी)। सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों को मौत की नींद सुलाने वाला हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे शुक्रवार को एसटीएफ की मुठभेड़ में मारा गया। इसके बाद विकास से पीड़ित लोगों में खुशी का ठिकाना न रहा तो वहीं दूसरी ओर शहीद हुए सभी पुलिस कर्मियों के परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंशा की और कहा कि रुद्रावतार योगी आदित्यनाथ के नेक इरादों से दुर्दांत अपराधी विकास दुबे मारा गया। शहीदों के परिजनों को अब उम्मीद है कि घटना में शामिल पुलिस भेदियों पर भी सख्त कार्रवाई होगी। परिजनों ने यह भी मांग की कि घटना में शामिल अन्य दर्जनों विकास के साथियों का भी यही हाल होना चाहिये, नहीं तो वह लोग फिर वही काम करेंगे और स्थानीय समाज अपराध मुक्त नहीं हो पाएगा। 
चौबेपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात्रि दबिश देने गयी पुलिस टीम पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों ने हमला कर दिया। इस हमले में बिल्हौर सीओ देवेन्द्र मिश्रा, शिवराजपुर थानाध्यक्ष महेश यादव, मंधना चौकी प्रभारी अनूप कुमार सिंह सहित आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गये। इसके बाद से लगातार पुलिस और एसटीएफ की टीमें विकास और उसके गुर्गों पर कार्रवाई करती रही। आज शुक्रवार से पहले तक पुलिस ने विकास के पांच गुर्गों को मार गिराया और दो को गोली मारकर घायल कर दिया। इस पर लोगों को उम्मीदों बढ़ी कि विकास भी जल्द यही हश्र होगा और शुक्रवार को हुआ भी ऐसा। एसटीएफ की टीम उज्जैन से कानपुर लाते समय विकास दुबे को कानपुर नगर के भौती के पास मुठभेड़ में मार गिराया। इसके बाद से पूरे प्रदेश से शहीद हुए परिजनों की प्रतिक्रियाएं आने लगी। 

योगी राज में सुरक्षित है सूबा
शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा के साढू केके दुबे ने कानपुर में कहा कि रुद्रावतार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि एक सप्ताह के अंदर घटना के दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। मुख्यमंत्री के नेक इरादों के चलते ही लगातार दोषियों पर कार्रवाई होती रही और विकास के गुर्गे मारे जाते रहे। इसी क्रम में आज घटना का मुख्य अभियुक्त विकास दुबे मारा गया। इससे साफ है कि उत्तर प्रदेश सूबा योगी राज में पूरी तरह से सुरक्षित है और आगे भी अपराधियों पर ऐसी कार्रवाई होती रहेगी। आगे कहा कि आज शहीद सीओ की आत्मा को शांति मिली होगी। इसके साथ ही घटना से जुड़े विकास के अन्य गुर्गों का भी यही हाल होना चाहिये। 
पुलिस के भेदियों को मिलनी चाहिये सजा  

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के जुड़वा भाई राजीव मिश्रा ने बांदा में इस मामले में सीधे-सीधे कानपुर नगर के तत्कालीन एसएसपी अनंत देव और चौबेपुर के निलंबित थानाध्यक्ष विनय तिवारी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बिकरू गांव में केवल हमारे भाई बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा की हत्या करने की साजिश रची गई थी। इसके लिए राजनेताओं से लेकर उपरोक्त पुलिस अधिकारियों की अहम भूमिका थी और हत्या करने की जिम्मेदारी विकास दुबे को सौंपी गई थी। योजना के तहत हमारे भाई की हत्या की गई, लेकिन इस घटना में सात अन्य पुलिसकर्मी भी लपेटे में आ गए और उन्हें भी अपनी जान गंवानी पड़ी। राजीव मिश्रा ने आरोप लगाया कि हिस्ट्रीशीटर विकास और पूर्व थानाध्यक्ष विनय तिवारी के बीच सांठगांठ थी। उनके काले कारनामों पर सीओ देवेंद्र मिश्र न सिर्फ बाधक बने हुए थे बल्कि उन्होंने तत्कालीन एसएसपी अनंत देव को आधा दर्जन लिखित शिकायती पत्र भी भेजे थे ।  लेकिन अनंतदेव ने हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की बल्कि उसे बचाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। इधर जब विकास दुबे के घर में छापा मारने की कार्रवाई की योजना बनाई गई तो उपरोक्त अधिकारियों ने विकास दुबे तक सूचना पहुंचाई जिससे योजनाबद्ध तरीके से हमारे भाई व साथ अन्य पुलिसकर्मियों की हत्या की गई। शहीद हुए पुलिसकर्मियों की हत्या में उपरोक्त अधिकारियों की अहम भूमिका की जांच होनी चाहिए, जांच के बाद  कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए तभी हमारे शहीद भाई देवेंद्र मिश्रा व सात अन्य पुलिसकर्मियों की आत्मा को शांति मिलेगी। उन्होंने आज विकास दुबे के मारे जाने पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि देर से ही सही लेकिन पुलिस ने दुर्दांत हत्यारे को मौत के घाट उतार कर अपने साथी पुलिसकर्मियों की हत्या का बदला ले लिया है।

 शहीद पुलिस कर्मियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि
कानपुर के बिठूर थाने में तैनात और बिकरु कांड में घायल बुलंदशहर निवासी सिपाही अजय कश्यप ने विकास दुबे के एनकाउंटर पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का एनकाउंटर शहीद पुलिसकर्मियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है। इस एनकाउंटर से पुलिस का इकबाल बुलंद हुआ है। इससे पुलिस पर आम नागरिक का विश्वास मजबूत होगा।

योगी ने जो कहा वो कर दिखाया 
कानपुर में शहीद सिपाही सुल्तान सिंह की पत्नी उर्मिला देवी ने झांसी जनपद के भोजला गांव में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो वादा किया था वो कर दिखाया है। उन्होंने यूपी पुलिस और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया है। साथ यह भी कहा है कि इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिये। ऐसे हत्यारों को तो यहीं अंजाम होना चाहिये। 
पुलिस, सरकार की प्रशंसा 
दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की मौत के बाद शहीद सिपाही राहुल की गाजियाबाद निवासी बहन नंदिनी ने कहा है कि आज उनके भाई की आत्मा को शांति मिली होगी। आज (शुक्रवार) भाई का शांति हवन है। इस एनकाउंटर से वो उनके परिवार के अलावा पूरा गांव खुश है और पुलिस, सरकार की प्रशंसा कर रहा है। वहीं, जो लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठाकर सरकार को घेरना चाहते है मेरा उनसे यह कहना है कि इस मामले कोई राजनीति नहीं की जाये। वो आठ पुलिस कर्मियों का हत्यारा था, जिसमें उनका एक भाई भी शामिल हैं। उसने कई हत्याएं की है। पिता सेवानिवृत दारोगा ओमप्रकाश शर्मा ने विकास दुबे के एनकाउंटर पर संतुष्टि व्यक्त की है। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी धन्यवाद दिया है। अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि उन्हें अब इंसाफ मिल गया है और इसके लिए वह सीएम योगी आदित्यनाथ की रणनीति की सराहना करते हैं।

गद्दारों के बेटों को न मिले नौकरी
विकास के एनकाउंटर से खुश शहीद दरोगा अनूप कुमार सिंह के पिता रमेश बहादुर सिंह ने प्रतापगढ़ में खुशी व्यक्त की। कहा कि उम्मीदों के अनुरुप योगी सरकार में न्याय मिला। इसके साथ ही मांग की कि पुलिस विभाग के उन गद्दारों को कड़ी सजा मिलनी चाहिये जो विकास दुबे को पल-पल की खबर दे रहे थे। यही नहीं उनको चौराहे पर खड़ा करके उनकी वर्दी उतारी जाये और उनके बेटों को कभी सरकारी नौकरी न दी जाये। आगे कहा कि मेरा बेटा अनूप ही मेरा सहारा था। मेरे दो और बेटे हैं जो अभी बेरोजगार हैं, मैं बूढ़ा हो चुका हैं, मेरी इच्छा है कि मेरे बेटों को सरकार नौकरी देकर मेरी गरीबी दूर करने का काम करे।
योगी जी मुख्यमंत्री न होते तो न मिलता न्याय

अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने पर शहीद थानाध्यक्ष महेश यादव के रायबरेली निवासी पिता देव नारायण यादव ने संतोष जाहिर किया है और कहा है अगर योगी जी मुख्यमंत्री न होते तो न्याय न मिलता। शहीद के बेटे ने भी पुलिस की इस कारवाई पर संतोष व्यक्त करते हुए योगी सरकार को धन्यवाद दिया है। शहीद के बेटे विवेक ने कहा कि अब लगा कि शहीद परिवारों को न्याय मिला। विवेक ने कहा कि यह करवाई रुकनी नहीं चाहिए और इस पूरे नेक्सस का खुलासा होना चहिये कि किस तरह नेताओं, अधिकारियों और अपराधी का गठजोड़ बना था। 

आर्थिक सहायता मिलने से मिली ज्यादा खुशी
शहीद दारोगा नेबूलाल के पिता कालिका प्रसाद ने प्रयागराज के हंडिया में कहा कि बेटे की शहीद होने के बाद प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मुझे 20 लाख रुपये और पत्नी को 80 लाख रुपये का चेक दिया था। उस दौरान वह खुशी नहीं मिली जो आज हत्यारे विकास दुबे के मारे जाने पर मिली। 

सरकार और पुलिस ने किया बेहतर कार्य 
शहीद जितेन्द्र पाल पिता तीर्थपाल ने मथुरा में कहा हम विकास दुबे के एनकाउंटर से संतुष्ट हैं। यह भी कहा कि घटना के बाद से प्रदेश सरकार और पुलिस ने बेहतर कार्य किया जिससे आज मुख्य अभियुक्त मारा गया। आगे कहा कि जितने भी पुलिस कर्मी शहीद हुए हैं उनसे भी कहना चाहता हूँ कि जिस तरह विकास दुबे ने हमारे घरों की खुशियां छीनी थीं आज उस अपराधी के घर की खुशियां भी छीन गई हैं। मुझे पुलिस के इस कार्य पर घमंड है और जो लोग राजनीति कर रहे हैं वो करते रहें हमें न्याय मिल गया।

जिंदा जलाया जाता तो बेहतर होता
शहीद बबलू कुमार के भाई दिनेश कुमार ने आगरा में कहा कि सरकार और पुलिस ने बहुत अच्छा कार्य किया, पर हमारी इच्छा थी कि विकास दुबे को जिंदा जलाया जाता। यह भी कहा कि पहले विकास के बेटों का इनकाउंटर किया जाना चाहिये था तब उसे पता चलता कि दूसरों के बेटों की जान लेने से कैसे दर्द होता है। 

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