राहुल गांधी ​का हाथरस की तरफ कूच राजनीति के लिए है, इंसाफ के​ लिए नहीं-स्मृति ईरानी

वाराणसी (हि.स.)। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास व कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को हाथरस कांड को लेकर हमलावर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का हाथरस जाना उनकी अपनी राजनीति के लिए है, न कि पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए। उनको तो राजस्थान जाकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात करनी चाहिए। वहां के मुख्यमंत्री गहलोत को भी फोन करना चाहिए। लेकिन राहुल और प्रियंका वाड्रा हाथरस जाना चाहते हैं।

किसान संवाद में भाग लेने आई केन्द्रीय मंत्री कमिश्नरी सभागार में मीडिया से बातचीत कर रही थी। केन्द्रीय मंत्री ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि आजाद देश की जनता ने कांग्रेस के हथकंडों को भलीभांति समझा है। देश में कोई भी नेता किसी भी विषय में राजनीति करना चाहता है, तो मैं उसे रोक नहीं सकती है लेकिन जनता समझती है। उन्होंने हाथरस मामले को लेकर पूरे संजीदगी से कहा कि अपनी संवैधानिक मर्यादा के चलते मैं किसी प्रदेश के मामले में दखल नहीं देती। लेकिन हाथरस मामले में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है। मुख्यमंत्री ने न्याय का भरोसा देकर बताया कि पूरे मामले में एसआईटी जांच चल रही है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। शुक्रवार देर शाम वहां के एसपी के खिलाफ कार्रवाई हुई है। एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद जिन लोगों ने पीड़िता को न्याय न मिल पाए इसकी साजिश की है, उनके खिलाफ प्रदेश सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। 
केन्द्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी, संयुक्त राष्ट्र में मुझे अपने देश के खिलाफ बयान देना चाहिए’ पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं बताना चाहती हूं कि वहां मैं एक मंत्री के नाते नहीं बल्कि भारतीय नागरिक के रूप में गई थी। कांग्रेस चाहती थी कि मैं अपने देश के खिलाफ बोलूं, ऐसी कल्पना भी मेरे लिए राष्ट्रदोह से कम नहीं। ये विपक्ष की अपनी मर्यादा है। उन्होंने कहा कि जब से मैंने अमेठी में कदम रखा और चुनाव जीता। मुझे पता था कि जीवन भर कांग्रेस के निशाने पर रहूंगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस को राजनीति करना है। प्रधानमंत्री राष्ट्रनीति में सफल है।
केन्द्रीय मंत्री ने कृषि विधेयकों की जमकर तारीफ कीसंसद से पारित कृषि संबंधी तीन विधेयकों की केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद किसानों को सही मायने में आजादी मिली है। किसान अब अपनी फसल किसी भी व्यापारी, संगठन, प्रदेश और शहर में बेच सकते हैं। फसल बेचने के तत्काल बाद या तीन दिन के अंदर उनका भुगतान हो जायेगा। किसान को अपना माल कहा बेचना है, उसे स्वयं निर्णय लेना है। अगर भुगतान में उसे कही दिक्कत होती है तो जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी से न्याय प्राप्त कर सकेंगे। फिर, क्यों विपक्ष खासकर कांग्रेस और उसके सहयोगी इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। बिल ने बिचौलियों की भूमिका को समाप्त कर दिया है। किसानों की प्रगति अपनी राजनीति के चक्कर में विरोधी दल देख नहीं पा रहे। संसद में विधेयकों के पारित होने के दौरान विरोधी दलों के अमर्यादित आचरण पर भी उन्होंने सवाल उठाया। 
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के सम्मान में किसान सम्मान निधि योजना शुरू की है। योजना के अंतर्गत 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का ट्रांसफर किया गया है। वित्तमंत्री ने भी कृषि के आधारभूत ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है। केन्द्रीय मंत्री ने किसान के हितों के लिए सरकार के कार्यों को बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण को लेकर संकल्पित है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किये गये वादे को पूरा किया है।

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