राज्यपाल आनंदीबेन और मुख्यमंत्री योगी ने भगवान धन्वन्तरि की प्रतिमा का किया अनावरण

लखनऊ (हि.स.)। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को राजभवन में धनतेरस के मौके पर भगवान धन्वन्तरि की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने आयुर्वेद पर आधारित प्राचीन ग्रंथों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। 

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर भगवान धन्वन्तरि की प्रतिमा का अनावरण किया और दीप प्रज्वलित कर पांच दिवसीय प्रकाश पर्व का विधिवत शुभारम्भ किया। इस मौके पर उन्होंने आयुर्वेद के पुरातन और गौरवशाली इतिहास से जुड़ी प्रदर्शनी को भी देखा। इस प्रदर्शनी में आयुर्वेदाचार्यों की हस्तलिखित पांडुलिपियों की प्रतिकृति उकेरी गई है, जिसकी मूल लिपि प्रयागराज समेत अन्य पौराणिक शहरों में सुरक्षित है। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी को देखने के बाद इसकी सराहना की। उन्होंने आयोजकों से आयुर्वेद से जुड़ी पुस्तकों को पुस्तकों का एक सेट देने को कहा। 

उल्लेखनीय है कि आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत होती है या पर्व कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाया जाता है इस दिन भगवान धन्वंतरि और धन के स्वामी कुबेर की पूजा की जाती है
धन्वन्तरि त्रयोदशी को दिवाली पूजा से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दौरान मनाया जाता है। इस दिन को भगवान धन्वन्तरि की जयंती, शिक्षक और आयुर्वेद के जनक के रूप में मनाया जाता है। धनतेरस भगवान धन्वन्तरि की पूजा है। 
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान धन्वन्तरि समुद्र मंथन के दौरान अवतरित हुए। धन्वन्तरि को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है इनकी चार भुजाएं हैं जिनमें दो में शंख और चक्र धारण किए गए हैं। जबकि दो अन्य भुजाओं मे से एक में जलूका और औषध तथा दूसरे में अमृत कलश मौजूद है। धन्वन्तरि को देवताओं का वैद्य या आरोग्य का देवता भी कहा जाता है। इन्हें पीतल धातु बहुत प्रिय होता है। इन्होंने बहुत से औषधियों को खोजा। 

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