पूर्व सैनिक पर शिवसैनिकों के हमले से नाराज युवाओं ने सीएम उद्धव के पोस्टर पर पोती कालिख
वाराणसी। युवा अभिनेत्री कंगना रनौत से विवाद के बाद पूर्व नौसेना अफसर पर शिवसेना कार्यकर्ताओं के हमले से नाराज युवाओं के निशाने पर सीधे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आ गये हैंं। युवा लगातार मुख्यमंत्री पर सोशल मीडिया के जरिये जुबानी हमला बोल रहे है। रविवार को गुरुधाम चौराहे पर जुटे सामाजिक संस्था चंद्रशेखर फाउंडेशन के महिला कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और वरिष्ठ नेता संजय राउत के पोस्टर पर कालिख पोत आक्रोश जताया।
इस दौरान कार्यकर्ता शिवसेना प्रमुख के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे। कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार से महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने की मांग भी की। संस्था के हिमांशु सिंह,पंकज, आकाश और आरती शर्मा नेे कहा कि महाराष्ट्र अंधेर नगरी हो गई है। जनता ने जिसे सरकार में बैठाया, उसी के साथ अत्याचार हो रहा है। अब पूर्व नौसेना अफसर पर हमला निंदनीय है। संस्था अपने पीड़ित सैनिक के साथ है, सरकार के मुखिया होते हुए उद्धव ठाकरे अपने कार्यकर्ताओं पर काबू नही कर पा रहे । ऐसी सरकार को बर्खास्त किया जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसी क्रम में भाजपा स्वच्छता प्रकल्प काशी क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने पांडेयपुर स्थित मानसिक चिकित्सालय के समीप महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और वरिष्ठ नेता संजय राउत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
कार्यकर्ताओं ने अनूठे तरीके से विरोध जता खुद डाक्टर बन प्रतीक रूप से शिवसेना नेताओं को मानसिक रूप से बीमार बता उनके पोस्टर को बिजली का झटका, टैबलेट, इन्जेक्शन भी दिया। कार्यकर्ताओं ने शिवसेना के बीमारी को गंभीर बता रांची इलाज के लिए रेफर कर दिया। कार्यक्रम की अगुवाई करने वाले अनूप जायसवाल ने कहा कि शिवसेना नेता संजय राउत ने जिस तरह से पूर्व नौसेना अधिकारी मदन शर्मा की पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पिटाई को स्वभाविक प्रक्रिया कहा,यह बयान निंदनीय है। महाराष्ट्र की जनता आने वाले दिनों में उन्हें अपनी स्वाभाविक प्रक्रिया से अवगत करा देगी।
अनूप ने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब अपने जीवन के शुरूआती दिनों में खुद एक कार्टूनिस्ट रहे। एक कार्टून फॉरवर्ड करने की वजह से शिवसेना नेताओं ने सेवा निवृत सैन्य कर्मी की पिटाई की। ये घटना शर्मनाक है। अभिनेत्री कंगना का आफिस तोडऩे का कार्य, पत्रकारों की गिरफ्तारी, ये बताता है कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया है। कार्यकर्ता केन्द्र सरकार से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हैं। इसमें सोमनाथ विश्वकर्मा,शैलेन्द्र श्रीवास्तव (पार्षद), ओमप्रकाश यादव बाबू, श्रीप्रकाश शुक्ल,मंगलेश जायसवाल आदि शामिल रहे।