पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया सरकारी ड्यूटी पर लौटे, विरोध से हटने की खबरों को बताया अफवाह

महिला पहलवानों की एफ़आईआर उठाने की खबर भी झूठी

नई दिल्ली (हि.स.)। पहलवानों के चल रहे विरोध ने सोमवार को तब नाटकीय मोड़ ले लिया जब पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने घोषणा की कि वे अपने सरकारी कर्तव्यों में फिर से शामिल होंगे।

दोनों पहलवानों द्वारा रेलवे में अपनी नौकरी ज्वाइन करने के बाद कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह बात कही जाने लगी कि पहलवान विरोध प्रदर्शन से हट कर नौकरी पर वापस लौट गए हैं, अब पहलवानों ने विरोध से हटने की खबर को अफवाह बताया है।

बजरंग, साक्षी और विनेश फोगाट समेत देश के शीर्ष पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

बजरंग ने ट्वीट किया, “हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है। महिला पहलवानों की एफ़आईआर उठाने की खबर भी झूठी है। इंसाफ़ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।”

साक्षी मलिक ने ट्वीट कर कहा, “ये खबर बिलकुल ग़लत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूँ। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए।”

पहलवानों ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्होंने नौकरी ज्वाइन करने का फैसला किया।

सुनील

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