‘परिवर्तन एजेंट’ की भूमिका निभाएंगी छात्र वालंटियर्स

महिला शक्ति केन्द्र के माध्यम से संचालित होंगी महिला उत्थान की योजनाएं

संवाददाता

श्रावस्ती। विकास खण्ड हरिहरपुर रानी के अन्तर्गत राजा वीरेन्द्र कान्त सिंह महाविद्यालय भिनगा में महिला शक्ति केंद्र के अंतर्गत बैठक आहूत की गई, जिसमें छात्र वालेन्टियर्स का चयन एवं प्रशिक्षण की कार्यवाही की गई। उपस्थित छात्रों को योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर महिला कल्याण अधिकारी सरिता मिश्रा ने बताया कि कौशल विकास, रोजगार, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य और पोषण के अवसरों के साथ ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए वन स्टाप समर्थन सेवाएं प्रदान करने हेतु महिला शक्ति केन्द्र की स्थापना की गई। इस योजना को अम्ब्रैला स्कीम की तरह क्रियान्वित किया जाएगा, इसके तहत ग्रामीण महिलाओं के लिए अपने अधिकार प्राप्त करने और जागरूकता सृजन, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से उन्हे सशक्त बनाने के लिए एक इंटरफेस प्रदान करेगी। वालेन्टियर्स स्वयंसेवक ‘‘परिवर्तन एजेंट’’ के रूप में कार्य करेंगे और इससे उनके समुदायों तथा राष्ट्र पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा। उन्होने कहा कि छात्र स्वयंसेवक ब्लॉक स्तरीय हस्तक्षेप के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण निमित्त सरकारी योजनाओं/कार्यक्रमों, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के बारे में जागरूकता सृजन का काम करेंगे। वे ग्रामीण महिलाओं को अपने पात्र हक प्राप्त करने के लिए सरकार से संपर्क कर सकने हेतु इंटरफेस प्रदान करेंगे।
इस अवसर पर जिला समन्वयक कुसुम श्रीवास्तव ने बताया कि महिला शक्ति केन्द्र योजना के लिए परिकल्पना की गई है कि यह विभिन्न स्तरों पर काम करें। जहां भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना और महिला सशक्तिकरण योजनाओं को अपना अस्तित्व बनाने के लिए आधार भी प्रदान करेंगे। छात्र स्वयंसेवक विभिन्न महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं/कार्यक्रमों के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों जिनका निर्दिष्ट ब्लाक/ग्राम में महिलाओं को जागरूकता पैदा करने में सहायक भूमिका निभाएंगे।
इस अवसर पर ममता एचआईएमसी, यूनिसेफ से सुश्री रिजवाना परवीन ने उपस्थित छात्र/छात्राओं को बाल विवाह एवं नारी सशक्तिकरण के मुद्दो पर विस्तृत चर्चा की। उन्होने कहा कि कम उम्र में लड़कियों की शादी उनके सेहत के साथ होने वाले बच्चे की सेहत पर भी प्रतिकूल असर डालता है। 18 साल से कम उम्र में शादी होने से गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान कई स्वास्थ्य जटिलताएं बढ़ने का खतरा होता है। इससे मां के साथ नवजात के जान जाने का भी खतरा होता है। बाल विवाह के कारण लड़कियां कम उम्र में गर्भवती हो जाती हैं, जबकि उनके शरीर का पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता है। इससे मातृ एवं शिशु मृत्युदर बढने की भी प्रबल सम्भावना रहती है। इसलिए जनपद में बाल विवाह को रोकने में अपना सहयोग करें और वे स्वयं तथा पास-पड़ोस, गली-मोहल्लों एवं गॉवों में यदि कोई बाल विवाह करता है तो उसकी सूचना अवश्य दें। बाल विवाह की सूचना देने वाले व्यक्तियों को जिला प्रशासन की तरफ से 2000 रुपये का पुरुस्कार दिया जायेगा और उनका नाम भी गोपनीय रखा जायेगा। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डा एपी सिंह, शिक्षक गण वीपी सिंह, पवन त्रिपाठी, संजय मिश्रा, छात्र क्रमशः सीमा खातून, ज्योति गुप्ता, प्रकाशिनी त्रिपाठी, आरती, अनामिका, नुसरत जंहा, गायत्री, प्रीती पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।

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