डिजिटल निजी डेटा संरक्षण विधेयक का मसौदा जारी, 500 करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रस्ताव

– सभी पक्षों की राय जानने के लिए आईटी मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया

नई दिल्ली (हि.स)। कंपनियों को लोगों के निजी डेटा का इस्तेमाल करना अब भारी पड़ेगा। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को डिजिटल निजी डेटा संरक्षण विधेयक-2022 का मसौदा जारी किया है। इस मसौदे के तहत सरकार एक डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड बनाएगी। मसौदे के प्रस्तावित प्रावधानों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये तक कर दी गई है।

सभी पक्षों की राय जानने के लिए आईटी मंत्रालय की वेबसाइट पर डिजिटल निजी डेटा संरक्षण विधेयक-2022 का मसौदा अपलोड किया गया है। इस पर 17 दिसंबर तक राय भेजी जा सकती है, जिसके बाद संसद के अगले सत्र में पेश किया जा सकता है। सरकार का मकसद इसके जरिए व्यक्ति के निजी डेटा की सुरक्षा करना, भारत के बाहर डेटा ट्रांसफर करने पर नजर रखना और किसी तरह के डेटा से जुड़ा उल्लंघन होने पर जुर्माने का प्रावधान करना है।

प्रस्तावित मसौदा के तहत भारतीय आंकड़ा संरक्षण बोर्ड की स्थापना करना प्रस्तावित है, जो विधेयक के अनुरूप काम करेगा। सुनवाई का समुचित अवसर देने के बाद वित्तीय जुर्माना लगाया जा सकता है। यह जुर्माना प्रत्येक मामले में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इससे पहले डिजिटल निजी आंकड़ा सरंक्षण विधेयक के मसौदे में जुर्माने की राशि 15 करोड़ रुपये या किसी भी कंपनी के वैश्विक कारोबार का चार फीसदी थी। सरकार ने निजी डेटा संरक्षण विधेयक को अगस्त, 2022 में संसद से वापस ले लिया था।

प्रजेश/सुनीत

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