जलशक्ति मंत्री ने छह जनपदों के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई किया निरीक्षण

-कहा-संवेदनशील तटबंधों पर लगातार रखी जाए निगरानी  

लखनऊ(एजेंसी)। प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के निरीक्षण के दूसरे चरण में शुक्रवार को पूर्वांचल के सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर और बस्ती जनपदों का हवाई निरीक्षण कर संबन्धित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। 
उन्होंने तटबंधों पर दूर तक चलकर निरीक्षण किया और जिम्मेदार अभियंताओं को निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि बाढ़ से किसी प्रकार की क्षति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही होने पर संबन्धित अधिकारी की जवाब देही तय करते हुये कठोर कारवाई की जायेगी।
हवाई निरीक्षण की शुरुआत उन्होंने जनपद महाराजगंज से किया। इसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार के जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ एक बैठक कर बाढ़ से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने बाढ़़ की आपदा से निपटने के लिए अधिकारियों को पूरी तैयारी कर लेने के निर्देश दिये। 
डॉ.महेन्द्र सिंह ने बैठक में गतवर्ष के दौरान इसी मौसम में नदियों और नालों में पानी के डिस्चार्ज की क्षमता की जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने सम्भावित बाढ़ के पूर्व की तैयारियों का लेखा जोखा लेकर सम्बन्धित अधिकारियों को जरूरी सुझाव दिये। इसके साथ ही जल शक्ति मंत्री ने जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ से बचाव और राहत के लिए की गयी तैयारियों की जानकारी प्राप्त की। 
उन्होंने राहत शिविर, बाढ़ चौकी नाव, गोताखोर, खद्यान्न वितरण पशुशरणालय तथा पशुओं के लिए चारा आदि की व्यवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त किया। उन्होंने महाराजगंज गडंक नदी (नारायणी) स्थित अमवाखास तटबंध के मध्य संचालित कटाव निरोधक कार्यो का निरीक्षण किया और नदी की विधिवत पूजा और अर्चना की।
इसके पश्चात् जल शक्ति मंत्री ने गोरखपुर जनपद में खड़गपुर, सहसापुर सोपाई तटबंध एवं जनपद बस्ती के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया। गोरखपुर के सर्किट हाउस में बैठक कर जिला प्रशासन तथा समन्बित अधिकारियों आवश्यक निर्देश दिये। बाढ़ से समन्बिधत तैयारियों की जानकारी प्राप्त की। 
उन्होंने जनपद कुशीनगर में अहिरौलीदान पिपराघाट तटबंध व देवरिया के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया। डॉ. महेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाढ़ नियंत्रण के लिए अलग से कन्ट्रोल बनाकर उसके नम्बर का व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाये तथा सभी विभाग आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि आम जनता के बीच सिंचाई विभाग के कार्यों से विश्वास दिलाये कि वे बाढ़ से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि अधिकारी गोताखोरों की सूची भी अपने पास रखें जिससे आवश्यकता पड़ने पर उनकी सेवा ली जा सके तथा गांव के प्रधानों एवं सम्मानित लोगों की भी सूची रखा जाये और समय समय पर गांव के लोगों से बात कर स्थिति की जानकारी ली जाये। 
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि किसी भी समस्या की जानकारी आने पर तत्काल समाधान किया जाये। उन्होंने बाढ़ खण्ड के अधिकारियों से राप्तीए घाघराए आमी आदि नदियों के इस वर्ष का जलस्तर एवं पिछले वर्ष का अधिकतम डिस्चार्ज आदि के बारे में भी जानकारी लेते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में कोई बन्धा क्षतिग्रस्त न होने पाये। यदि इसमें लापरवाही पाई गयी तो संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

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