किडनी और फेफड़ों के मरीजों के लिए कोविड-19 ज्यादा घातक
नेशनल डेस्क
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले रखा है। यह वायरस सबसे पहले फेफड़ों को संक्रमित करता है लेकिन गंभीर मामलों में इसका प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ने लगता है। द लेंसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिन्हें इस संक्रमण के कारण गुर्दों से संबंधित समस्याएं हो रही हैं। इन समस्याओं में एक्यूट किडनी इंजरी (एकेआई) और गुर्दों का काम करना बंद कर देना (किडनी फेल्योर) प्रमुख हैं। कोरोना वायरस प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनों तरीकों से गुर्दों को प्रभावित करता है। जानें क्या कहते है लखनऊ के मेदांता अस्पताल के नेफ्रोलॉजी एंड ट्रांसप्लांटेशन मेडिसिन के डॉ. राज कुमार शर्मा।
कोरोना वायरस जब नाक, मुंह और आंखों के संपर्क में आता है तो म्यूकस मैंब्रेन द्वारा शरीर में प्रवेश करता है। यह वायरस श्वसन मार्ग से शरीर के अन्य भागों में फैलता है जिनमें मुंह, नाक, गला और फेफड़े सम्मिलित हैं। इसके संक्रमण से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने लगती है। हेल्थ जर्नल नेचर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ती है तो इस स्थिति में इम्यून तंत्र ट्रिगर होकर अधिक मात्रा में श्वेत रक्त कणिकाओं का निर्माण करने लगता है, जो क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत करने के बजाय स्वस्थ ऊतकों पर आक्रमण करने लगती हैं। इस कारण रक्त का संक्रमण (सेप्सिस) होने व कई अंगों के एक साथ काम करना बंद करने (मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर) से जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। कोरोना संक्रमण में फेफड़े सबसे पहले प्रभावित होते हैं। स्थिति गंभीर होने पर फेफड़ों में सूजन आने लगती है और इनमें फ्लूड भर जाता है। इससे निमोनिया या एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) हो सकता है। ऐसे में बहुत सारे लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। इस स्थिति में रक्त सभी अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने में सक्षम नहीं रहता है और इससे गुर्दे प्रभावित होते हैं।
भोजन में विटामिन-सी से भरपूर आहार शामिल करें। यह खट्टे फलों के साथ ही पालक और पत्तागोभी में काफी मात्रा में मौजूद होता है और इम्युनिटी बूस्ट करता है। सब्जियों को अच्छे से धोएं ताकि इनमें मौजूद बैक्टीरिया शरीर में न जाने पाएं। खाने में अधिक तरल पदार्थ लें। यदि उपचार चल रहा है तो दवाइयां नियमित तौर पर लेते रहें। संक्रमण से बचने के लिए संभव हो तो चिकित्सक से फोन पर ही सलाह लें। हाथों को साबुन, पानी या सेनिटाइजर से साफ रखें। सांस फूलना, कमजोरी, बुखार, खांसी और थकान की समस्या की अनदेखी न करें। कोरोना वायरस और गुर्दे इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (आईएसएन) की एक हालिया रिपोर्ट में सामने आया कि कोविड-19 से संक्रमित लगभग 15 प्रतिशत मरीजों में एक्यूट किडनी इंजरी (एकेआई) विकसित हुई, जो इस ओर इशारा करता है कि यह वायरस गुर्दों पर तेजी से आक्रमण करता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ किडनी डिजीज में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, गंभीर रूप से संक्रमित मरीज, जो आईसीयू में भर्ती होते हैं, उनमें से लगभग 27 प्रतिशत मरीजों में किडनी फेल्योर के मामले सामने आए हैं।