उप्र में अब अंग प्रत्यारोपण हुआ और आसान, राज्य में पहले सोट्टो केन्द्र का हुआ गठन

-प्रदेश में सोट्टो का पहला केन्द्र बना पीजीआई

-उप्र के 26 सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल सोट्टो के अधीन करेंगे काम

लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में अब अंग प्रत्यारोपण और अंगदान करने में आसानी होगी। प्रदेश में अंग और ऊतक प्रत्यारोपण को बढ़ावा मिलेगा। राज्य में स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोट्टो) का गठन होने से अब प्रत्यारोपण से जुड़ी सारी जानकारी एक जगह से मिल सकेगी। राजधानी का एसजीपीआई अस्पताल ऑगेन बैकिंग नोडल सेंटर के रूप में काम करेगा। 
राज्य सरकार के मार्गदर्शन में पहली बार उप्र में सोट्टो का गठन किया गया है। इसके गठन से अब प्रदेश में अंग प्रत्यारोपण का लाभ सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में भी मिलेगा।
सरकारी प्रवक्ता ने गुरुवार को यहां बताया कि मरीजों को पहले अंग प्रत्यारोपण कराने में ढेर सारी अड़चनों का सामना करना पड़ता था पर अब इसमें कोई समस्या नहीं आएगी। इसके साथ ही जिन लोगों के पास डोनर नहीं हैं उन्हें ब्रेन डेड मरीजों के अंगों से नया जीवन मिल सकेगा। अंग प्रत्यारोपण और उनके संरक्षण से जुड़े सरकार के जो नियम हैं उनका पूरा पालन प्रदेश का ये सोट्टो केन्द्र करेगा। 
प्रवक्ता ने बताया कि पीजीआई अब अंग प्रत्यारोपण से जुड़ी सारी जानकारी, डाटा व रिकार्ड को संरक्षित करने और टिशू ट्रेंकिंग राज्य स्तर सोट्टो के तहत देखा जाएगा। अस्पताल प्रशासन जल्द ही सोट्टो से जुड़ी वेबसाइट को तैयार करेगा जिसपर अंग प्रत्यारोपण से जुड़ी सभी जानकारियां मरीजों को एक क्लिक पर  मिल सकेंगी।
सोट्टो का केन्द्र बना पीजीआई
केंद्र सरकार ने अंग प्रत्यारोपण, ब्रेन डेड से निकाले गए अंगों का रखरखाव, आर्गन बैंक की निगरानी के लिए स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन सोट्टो का गठन किया। उत्तर प्रदेश के सोट्टो का केंद्र राजधानी के पीजीआई को बनाया गया है। पीजीआई अस्पताल प्रशासन ने विभाग के प्रमुख डॉ. राजेश हर्षवर्धन को सोटो का नोडल अफसर नामित किया है। डॉ. राजेश ने बताया कि सोटो नेशनल आर्गन एंड टीशू ट्रांसप्लाट आर्गेनाइजेशन रोट्टो व नोटो के अधीन काम करेगा।
प्रदेश में अंग व ऊतक प्रत्यारोपण को मिलेगा बढ़ावा
ऊतक और मानव अंग प्रत्यारोपण करने वाले प्रदेश के सभी 26 सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल सोटो के अधीन काम करेंगे। सोटो के गठन से प्रदेश में अंग और ऊतक प्रत्यारोपण को बढ़ावा मिलेगा। अस्पतालों को अंग प्रत्यारोपण करने वाले सभी नियमों का पूरी तौर पर पालन करना होगा। डॉ. राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि सोट्टो के केन्द्र बना पीजीआई अब अंग प्रत्यारोपण सेंटर, टिशू बैंक और अस्पतालों के साथ तालमेल स्थापित करेगा। ब्रेन डेड मरीजों के अंगों की जहां जरूरत है उनसे संपर्क भी स्थापित करेगा।
अंगदान व प्रत्यारोपण के लिए जागरूक करेंगे  

प्रदेश भर में अंगदान व प्रत्यारोपण के लिए जागरूकता कार्यक्रम इसके तहत आयोजित किया जाएगा। अस्पताल प्रशासन अब जागरूकता अभियान के जरिए प्रदेश में लीवर, गुर्दा, स्टेम सेल, कॉनिया, बोन मैरो प्रत्यारोपण समेत शरीर के अन्य अंगों के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे। इसके साथ ही सरकार द्वारा जारी अंग प्रत्यारोपण की गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रदेश में इससे जुड़े प्रचार प्रसार अंग प्रत्यारोपण का फॉलोअप कर उसकी रिपोर्ट को रोट्टो व नोट्टो को भेजी जाएगी।
प्रदेश के कई बड़े अस्पताल शामिल

उन्होंने बताया कि प्रदेश के कई बड़े सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों को इसका लाभ मिलेगा। प्रदेश में अंग प्रत्यारोपण करने वाले 26 अस्पतालों में नोएडा, मेरठ, आगरा, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, मुरादाबाद, कौशांबी के अस्पताल को लाभ मिलेगा। इन अस्पतालों में अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, सेंटर फॉर साइट, फोर्टिस अस्पताल, आईकेयर आई अस्पताल, केजीएमयू, चंदन हॉस्पिटल, आई बैंक, डॉ. राम मनोहर लोहिया मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेस, डिवाइन हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, सहारा हॉस्पिटल, कमांड हॉस्पिटल, मेदांता, यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, न्यू दिल्ली सेंटर फॉर साइट लिमिटेड, शारदा हॉस्पिटल, केके हॉस्पिटल, मैक्स समेत अन्य अस्पताल शामिल हैं।     
31 अक्टूबर को सोट्टो पर पहले वेबिनार का आयोजन

पीजीआई में 31 अक्टूबर को सोट्टो पर पहली वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है। इसमें प्रदेश के 26 अस्पतालों के दिग्गज डॉक्टर हिस्सा लेंगे। वेबिनार में सोट्टो की कार्यप्रणाली, सोट्टो की भूमिका, प्रदेश में आर्गन टिशू हार्वेस्टिंगग, बैाकिंग एंड ट्रांसप्लाटेशन समेत अंग व ऊतक प्रत्यारोपण से जुड़े मु्द्दों पर चर्चा की जाएगी। सोट्टो पर आयोजित होने वाली पहले वेबिनार पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान के निर्देशन में आयोजित हो रही है। 
डॉ. आरके धीमान का कहना है कि उप्र में पहला सोट्टो केन्द्र बनने से प्रदेश में अब अंग प्रत्यारोपण को काफी बढ़ावा मिलेगा। ब्रेन डेड मरीजों के अंगों को दान करने में भी लोगों को सहूलियत मिलेगी वो इन अस्पतालों से संपर्क कर अंगदान करने और अंग प्रत्यारोपण करा सकेंगे। 
वहीं, नेशनल मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन के प्रांत संरक्षक डॉ. जेपी सिंह कहते हैं कि प्रदेश में अब अंग प्रत्यारोपण की सुविधाओं में इजाफा होगा। इसके साथ ही प्रदेश में अंग प्रत्यारोपण का कार्य पारदर्शिता के साथ हो पाएगा।

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