कर्नाटक विधानसभा में मुस्लिम आरक्षण पर हंगामा
18 भाजपा विधायक छह महीने के लिए निलंबित, दोगुना हुआ वेतन भत्ता
राज्य डेस्क
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को चार फीसद आरक्षण देने के मामले में भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया। आर अशोक के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने आरक्षण बिल की कॉपी फाड़कर स्पीकर की ओर फेंक दी। इसके बाद स्पीकर यूटी खादर ने मार्शलों को बुलाकर हंगामा कर रहे विधायकों को सदन से बाहर करवा दिया। साथ ही भाजपा के 18 विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही से 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया।हंगामे के बीच सरकार ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की सैलरी 100 फीसद बढ़ाने का बिल पास कर दिया। विधेयक को कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच.के. पाटिल ने पेश किया। इसके पारित होने से मुख्यमंत्री का वेतन 75 हजार रुपए से बढ़कर 1.5 लाख रुपए प्रतिमाह हो जाएगा। विधान परिषद के सभापति और विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 75 हजार रुपए से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए हो जाएगा।
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मंत्रियों का वेतन भी दोगुना होगा
20 मार्च को सरकार ने कर्नाटक विधानमंडल वेतन, पेंशन और भत्ते (संशोधन) विधेयक, 2025 और कर्नाटक मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दी। इन विधेयकों के तहत मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों (डस्।े) की सैलरी में 100 फीसद बढ़ाई गई है। विधायकों के अलावा कर्नाटक मंत्री वेतन और भत्ता अधिनियम, 1956 में भी संशोधन किया गया है। इसके जरिए मंत्री का वेतन 60 हजार रुपए से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए किया जाएगा। वहीं, सप्लीमेंट्री अलाउंस 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए हो सकता है। अभी मंत्रियों को एचआरए के रूप में मिलने वाले 1.2 लाख रुपए बढ़कर 2 लाख रुपए हो सकते हैं। साथ ही विधायकों की मंथली सैलरी 40 हजार से बढ़कर 80 हजार हो जाएगी। मुख्यमंत्री की सैलरी 75 हजार से बढ़कर 1.5 लाख प्रति माह होगी। अन्य भत्ते जैसे हाउस रेंट अलाउंस और संपत्ति भत्ते में भी बढ़ोतरी होनी है। यह फैसला विधानसभा में 21 मार्च को पारित हो गया, जिससे राज्य के खजाने पर सालाना लगभग 10 करोड़ का बोझ पड़ेगा। राज्य सरकार ने कहा कि विधायकों के खर्च बढ़ गए हैं और यह संशोधन 2022 में तय हर पांच साल में वेतन संशोधन की नीति के तहत किया गया है। हालांकि, विपक्ष और कुछ लोगों ने इसे जनता के लिए खजाना खाली होने के दावों के बीच नेताओं के लिए अनुचित लाभ बताया है।
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नम्र निवेदन
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