UP News : लिव-इन-रिलेशन में रह रही दो महिलाओं को पुलिस संरक्षण देने का निर्देश

कोर्ट ने कहा, सामाजिक नैतिकता कोर्ट के फैसलों को प्रभावित नहीं कर सकती

प्रयागराज(हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो महिलाओं के लिव -इन-रिलेशन का समाज में विरोध को लेकर कहा है कि समाज की नैतिकता कोर्ट के फैसलों को प्रभावित नहीं कर सकती। कोर्ट का दायित्व है कि वह  संवैधानिक, नैतिकता व लोगों के अधिकारों को संरक्षण प्रदान करे।
कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक शामली को याचियों को संरक्षण देने का निर्देश दिया है और कहा है कि उन्हें किसी द्वारा परेशान न किया जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकान्त गुप्ता तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने शामली के तैमूरशाह मोहल्ले की निवासी सुल्ताना मिर्जा व विवेक विहार की निवासी किरन रानी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। 
याचियों का कहना था कि वे बालिग हैं। दोनो नौकरी कर रही हैं और लंबे समय से लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रही हैं। जिसका परिवार व समाज विरोध कर रहा है, उन्हें परेशान किया जा रहा है। पुलिस संरक्षण नहीं मिल रहा है। जब कि विश्व के कई देशों सहित सुप्रीम कोर्ट ने नवतेज सिंह जोहर केस में समलैंगिकता को मान्यता दी है। लिव इन रिलेशनशिप को भी मान्य ठहराया है। सेक्स को जीवन के अधिकार का अंग करार दिया है। उन्हें अपनी मर्जी से जीवन जीने का हक है। अनुच्छेद 21 के अंतर्गत सेक्सुअल ओरियेन्टेशन का अधिकार शामिल है। कोर्ट ने कहा है कि यह कोर्ट का दायित्व है कि वह संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करे।

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