UP News : लव जिहाद रोकने के लिए योगी सरकार के अध्यादेश का काशी के संतों का समर्थन
योगी सरकार: धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश को मंजूरी मिलते ही काशी के संतों ने जताई खुशी
वाराणसी (हि.स.)। लव जिहाद रोकने के लिए योगी सरकार के अध्यादेश का काशी के संतों ने भी खुलकर समर्थन किया है। मंगलवार अपराह्न कैबिनेट की बैठक में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश को मंजूरी मिलते ही काशी के संतों ने खुशी जताई।
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव और गंगा महासभा के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने धर्मान्तरण कानून को जायज ठहराते हुए प्रदेश सरकार का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के एक उद्धहरण का उल्लेख कर कहा कि एक व्यक्ति का धर्मांतरण, व्यक्ति का नहीं एक राष्ट्रांतरण की प्रक्रिया है। धर्मांतरित होते ही उसकी निष्ठा रातोंरात बदल जाती है। भारत की एकता,अखंडता के लिए सनातनी हिन्दुओं का देश में बहुसंख्यक बना रहना बेहद जरूरी है। अन्यथा देश के जिन भागों में हिन्दू कम हुए है।
आतंकवाद, संप्रदायवाद, अलगाववाद, अर्बन नक्सली वहां सक्रिय रहे है। इस दिशा में प्रदेश सरकार का यह कार्य प्रशंसनीय है। सरकार का यह कार्य भविष्य में मिल का पत्थर साबित होगा।
बताते चले,उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई। अध्यादेश में बलपूर्वक, उत्पीड़न, प्रलोभन या किसी कपट के जरिए किया गया धर्म परिवर्तन अपराध की श्रेणी में आएगा। इसके लिए 1 साल से 5 साल तक की सजा और कम से कम 15 हजार रुपये का जुर्माना होगा। अव्यस्क महिलाओं, अनूसूचित जाति या अनुसूचित जन जाति की महिला के संबंध में कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की सजा होगी। जुर्माने की राशि 25 हजार रुपये होगी। अध्यादेश से सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने पर कम से कम 3 साल की सजा और अधिकतम 10 साल तक की सजा होगी और जुर्माना भी 50 हजार होगा।