UP News : कान्हा ने कालिया नाग का किया मान मर्दन, फन पर बंसी बजाते थिरके

-तुलसीघाट की प्रसिद्ध नाग नथैया लीला में द्वापर युग का नजारा
-अद्भुत नयनाभिराम जीवंत झांकी देख श्रद्धालु आहृलादित

वाराणसी (हि.स.)। धर्म नगरी काशी में बुधवार शाम तुलसीघाट पर द्वापर युग के गोकुल-वृंदावन का नजारा दिखा। यमुना बनी गंगा में कालिया नाग का मान मर्दन कर नटवर नागर उसके फन पर बंशी बजाते नृत्य करते प्रकट हुए। घाट पर मौजूद हजारों श्रद्धालु यह नयनाभिराम झांकी देख आहृलादित हो गये। डमरू के नाद, घंट-घड़ियाल की गूंज ​के बीच ‘वृंदावन बिहारी लाल की जय’,’हर-हर महादेव’ के गगनभेदी उद्घोष से पूरा गंगा तट गुंजायमान हो उठा। मौका रहा काशी में लक्खा मेले के रूप में विख्यात तुलसीघाट की नागनथैया लीला का। 
अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास के नेतृत्व में घाट पर आयोजित श्रीकृष्ण लीला देखने के लिए अपरान्ह से ही लोग कोरोना प्रोटोकाल का पालन कर पहुंचने लगे। जैसे-जैसे लीला का समय नजदीक आता गया गंगा घाट की सीढ़ियां, आसपास के मकानों के छत, बारजे लोगों से भर गये। गंगा में भी नौकाओं पर सवार लोगों की भीड़ जमी रही। अपरान्ह तीन बजे श्री संकटमोचन मंदिर के महन्त प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र की देखरेख में लीला शुरू हुई। नटखट कान्हा अपने बाल सखाओं के साथ गंगा नदी प्रतीक रूप से यमुना के किनारे कंदुक (गेंद) खेलने लगे। कान्हा का नटखट रूप देख मौजूद लोग निहाल हो गये। खेलते-खेलते गेंद अचानक यमुना नदी में समा गई। यह देख बाल सखा कान्हा से गेंद नदी से वापस लाने की जिद करने लगे। कान्हा शाम 4.40 बजे कदम्ब की डाल पर चढ़कर यमुना में कूद गये। काफी देर तक जब कान्हा नदी से बाहर नहीं निकलते तो बाल सखा व्याकुल होने लगे। उनका धैर्य जवाब देने लगा। कुछ समय बाद कान्हा विषधर कालिया नाग का मान मर्दन कर उसके फन पर नृत्य मुद्रा में वेणुवादन कर प्रकट हुए। घाट पर मौजूद हजारों श्रद्धालु नटखट कान्हा की अद्भुत नयनाभिराम झांकी देख निहाल हो गये। घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं और देशी-विदेशी पर्यटकों ने नटवर नागर की जय जयकार, हर-हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष से फिजाओं को गुंजायमान कर दिया। 
कान्हा ने कालिया नाग के फन पर ही सवार रह नदी की धारा का चक्कर लगाते हुए चारों दिशाओं में दर्शन दिया। इसके बाद बजड़े पर सवार अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास के सदस्यों ने कान्हा की महाआरती की। इस दौरान स्टीमर पर काशी राज परिवार के उत्तराधिकारी कुंवर विभूति नारायण सिंह अपने पुत्रों के साथ मौजूद रहे। महाराज कुंवर कान्हा की झांकी को अपलक निहारते रहे। काशी राज परिवार को देख मौके पर मौजूद लोग हर-हर महादेव के उद्घोष से अभिवादन करते रहे। महाराज भी लोगों को हाथ जोड़ कर अभिवादन का जवाब देते रहे। लीला के समापन पर महाराज कुंवर ने लीला कमेटी के व्यवस्थापक को परम्परानुसार सोने की गिन्नी (स्‍वर्ण मुद्रा) भी दिया। 
इस दौरान घाट और आसपास की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसएसपी अमित पाठक,एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी ने फोर्स के साथ संभाला था। नागनथैया लीला के दौरान सुरक्षा के चाक-चौबंद प्रबंध किए गए थे। कई थानों की पुलिस बल गंगा तट व आस-पास के क्षेत्रों में तैनात की गई थी। क्षेत्राधिकारी व थानाध्यक्ष लगातार गश्त करते रहे।

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