UP News:बरेली मरकज ने किया एक अगस्त को बकरीद मनाने का ऐलान
प्रादेशिक डेस्क
बरेली। बरेलवी मरकज की तरफ से बकरीद मनाने का ऐलान मंगलवार को कर दिया गया है। दरगाह आला हजरत के दारूल इफ्ता की रोयत-ए-हिलाल कमेटी की तरफ से एक अगस्त को बकरीद का ऐलान किया है। चांद की शहादत (गवाही) न मिलने पर चांद की तारीख के मुताबिक मानी गई है। जमात रजा-ए-मुस्तफा के मीडिया प्रभारी समरान खान ने बताया कि चांद की तस्दीक नहीं हो पाई है। काजी उल हिंद मुफ्ती असजद रजा खां कादरी की कयादत वाली दारुल इफ्ता की रोयत-ए-हिलाल कमेटी की तरफ से ईद-उल-जुहा 1 अगस्त को मनाने का ऐलान किया। मुफ्ती अब्दुर्रहीम नश्तर फारुकी ने बताया कि मंगलवार को चांद देखा गया। आसामान साफ न होने पर बरेली और आसपास कहीं चांद नजर नहीं आया। अगर बाद में भी कहीं से चांद की शहादत मिलती है तो उस एतबार से ऐलान किया जा सकता है। वरना ईद उल अजहा का त्योहार एक अगस्त को मनाया जाएगा।
लखनऊ से मिली रिपोर्ट के अनुसार, चांद के दीदार के लिए आसमान की ओर लगी रही मौलानाओं की निगाहें भी चांद के दीदार से महरूम रहीं। देर रात्रि मरकजी चांद कमेटियों के मौलानाओं ने चांद न दिखने और पहली तारीख गुरुवार को होने का एलान किया। ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि ईद-उल-अजहा का चांद नहीं दिखा। अब एक अगस्त को बकरीद मनाई जाएगी। काज़ी-ए-शहर मौलाना मुफ्ती इरफान मियां फिरंगीमहली ने चांद दिखने बात कही है। उन्होंने बताया कि जिलहिज्ज की पहली तारीख गुरुवार से शुरू होगी। 10वें दिन बकरीद मनाई जाएगी। मौलानाओं ने कोरोना संक्रमण के चलते सभी को घरों में ही नमाज अदा करने की अपील की गई है। इसी के साथ बाजारों में गुरुवार से बकरों की आमद शुरू हो जाएगी। पुराने लखनऊ स्थित बकरा मंडी को लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कोरोना संक्रमण के चलते अभी प्रशासन की अनुमित का इंतजार है।