चोरी के लग्जरी वाहनों की बरामदगी में लखनऊ पुलिस ने रचा इतिहास

प्रादेशिक डेस्क

लखनऊ। राजधानी पुलिस ने चोरी की लग्जरी वाहनों की बरामदगी में इतिहास रचा है। पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोरों के गिरोह में शामिल सात अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया है, जिनके पास से कुल 62 वाहन बरामद किए गए हैं। इससे पहले एसीपी विभूति खंड स्वतंत्र कुमार सिंह के नेतृत्व में चिनहट पुलिस ने 51 गाड़ियां बरामद की थी।
देश के इतिहास में सर्वाधिक वाहनों की रिकवरी का रिकॉर्ड महाराष्ट्र पुलिस के नाम दर्ज था, जो 104 गाड़ियों का था। हालांकि लखनऊ पुलिस ने कुल 112 वाहन बरामद कर यह तमगा अपने नाम कर लिया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के चेसिस व गाड़ी नंबर प्राप्त कर आरोपित चोरी के वाहनों का कूटरचित दस्तावेजों के जरिए रजिस्ट्रेशन करा देते थे। इसके बाद वाहनों को बिहार, दिल्ली, मध्य प्रदेश व नेपाल के अलावा अलग-अलग राज्यों में बेच देते थे। सर्विलांस व आधुनिक पुलिसिंग के जरिए पूर्व में इस गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ा गया था। इसके बाद जमीनी सूचना एकत्र कर अन्य वांछितों की तलाश की जा रही थी। इसी क्रम में कमता तिराहे के पास से पुलिस ने कानपुर नगर निवासी सतपाल और मनोज कुमार को दबोच लिया। आरोपित चोरी की एक गाड़ी में सवार थे और उसे बेचने आए थे। पुलिस ने जब दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उन्होंने अपने पांच अन्य साथियों के नाम बताए। दोनों की निशानदेही पर पुलिस टीम ने कल्ली पश्चिम स्थित सपना कार बाजार के पास से एक फॉर्च्यूनर गाड़ी में बैठे पांच लोगों को दबोच लिया। पकड़े गए पांचों आरोपीत फॉर्च्यूनर गाड़ी से संबंधित कोई कागजात नहीं दिखा पाए। इसके बाद उनसे पूछताछ शुरू की गई और आरोपितों की निशानदेही पर अलग-अलग इलाकों से पुलिस ने कुल 62 गाड़ियां बरामद कर ली। वाहनों की खरीद फरोख्त की आड़ में खेल, सभी कानपुर के रहने वाले एसीपी विभूतिखंड स्वतंत्र कुमार सिंह के मुताबिक सभी आरोपित कानपुर नगर के रहने वाले हैं। नजीराबाद कानपुर नगर निवासी आरोपित सतपाल सिंह 20 साल से वाहनों की खरीद फरोख्त का काम करता था। वह चोर गैंग से चोरी की गाड़ियां खरीद कर ओएलएक्स व अन्य डीलरों के माध्यम से बेच देता था। वहीं फजलगंज निवासी मनोज कुमार की स्पेयर पार्ट की दुकान है, जिसकी आड़ में वह खेल करता था। पकड़े गए अन्य आरोपितों में चमनगंज निवासी एनुलहक और फजल गंज निवासी विकास अग्रवाल भी स्पेयर पार्ट्स की दुकान चलाते थे और वाहनों की खरीद फरोख्त करते थे। वहीं रेल बाजार निवासी इसरार वाहन मैकेनिक है और चोरी की गाड़ियों को बिकवाने में मदद करता था। फूलमती चौराहा बजरिया में रहने वाला जियाउल हक भी स्पेयर पार्ट्स की दुकान चलाता था और वाहन बेचने के लिए ग्राहक की तलाश करता था, जबकि नौबस्ता निवासी विनोद शर्मा चोर गैंग से वाहनों को खरीदने में गिरोह की मदद करता था। विनोद लेडी डॉन आगरा के गिरोह का सक्रिय सदस्य भी है।

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