अदालत ने आजीवन कारावास के साथ 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया
जानकी शरण द्विवेदी
गोंडा। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की एक अदालत ने बुधवार को करीब साढ़े पांच वर्ष पूर्व हुई घटना में हत्यारोपी पिता-पुत्र को आजीवन कारावास तथा 20-20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक अवनीश धर द्विवेदी ने बताया कि जिले के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के अन्तर्गत मध्यनगरा मोकलपुर निवासी अजय कुमार शुक्ला पुत्र राधेश्याम शुक्ला ने चार जनवरी 2020 को अपनी बहन मधु (22) की दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए बहन के पति देवशरण पाण्डेय और ससुर सतीश पाण्डेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। स्थानीय पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए, 304बी और 3/4 डीपी एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत करके विवेचना के उपरांत दोनों अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
द्विवेदी ने बताया कि सत्र परीक्षण के दौरान विशेष न्यायाधीश नम्रता अग्रवाल ने साक्ष्यों के आधार पर दहेज हत्या के अभियोग को हत्या में तरमीम कर दिया तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का परिशीलन करते हुए उभय पक्ष के गवाहों के बयानों तथा अधिवक्ताओं के तर्कों के आधार पर बुधवार को मृतका के पति पति देवशरण पाण्डेय और ससुर सतीश पाण्डेय को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास तथा 20-20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जुर्माने की धनराशि अदा न करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
