जापान को पछाड़ भारत बना चौथा सबसे बड़ी इकोनामी
बिजनेस डेस्क
नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था ने वैश्विक मंच पर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रमण्यम ने शनिवार को बताया कि भारत ने जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी का स्थान हासिल कर लिया है। केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही अब भारत से आगे हैं।
भारत की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर की
नीति आयोग की 10वीं शासी परिषद की बैठक के बाद सुब्रमण्यम ने मीडिया को बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था अब 4,000 अरब डॉलर की हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के आंकड़ों के हवाले से उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था जापान से बड़ी हो गई है। यह उपलब्धि भारत की मजबूत आर्थिक नीतियों और अनुकूल माहौल का परिणाम है। सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में ग्रामीण खपत और निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रहेगी। यह दर वैश्विक स्तर पर कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर है।
भारत की अर्थव्यवस्था का ग्राफ
भारत की अर्थव्यवस्था ने जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी का खिताब हासिल किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान पर, जिसमें उन्होंने पच्ीवदम निर्माता एपल पर टैरिफ बढ़ाने की बात कही थी, सुब्रमण्यम ने कहा कि टैरिफ रेट्स अभी अनिश्चित हैं। उन्होंने कहा, भारत की अर्थव्यवस्था मैन्युफैक्चरिंग के लिए सस्ती और आकर्षक जगह बन रही है। वैश्विक व्यापार में बदलाव भारत के लिए अवसर पैदा कर रहे हैं। भारत की अर्थव्यवस्था ने वैश्विक व्यापार तनावों के बावजूद स्थिरता बनाए रखी है। डिजिटल अर्थव्यवस्था और ग्रामीण खपत में वृद्धि ने भारत को वैश्विक अनिश्चितताओं से बचाने में मदद की है।
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जीडीपी ग्रोथ में भारत की तेजी
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025 में 6.8 फीसदी की दर से बढ़ेगी। यह अनुमान आइएमएफ की हालिया रिपोर्ट पर आधारित है। भारत ने पिछले एक दशक में उल्लेखनीय प्रगति की है। 2015 में 10वें स्थान पर रहने वाली भारत की अर्थव्यवस्था अब चौथे स्थान पर पहुंच गई है। मेक इन इंडिया और उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन जैसी योजनाओं ने मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया है। भारत का युवा कार्यबल और बढ़ता मध्यम वर्ग वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती ताकत
आइएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकती है। भारत का डिजिटल भुगतान सिस्टम, खासकर यूपीआई ने वैश्विक स्तर पर ध्यान खींचा है। यह प्रणाली भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूत कर रही है। भारत की अर्थव्यवस्था टेक्नोलॉजी, फार्मा और सेवा क्षेत्र में प्रगति के साथ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा बन रही है। सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ रही है।
चुनौतियां और भविष्य की राह
वैश्विक व्यापार तनाव और टैरिफ नीतियां भारत की अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियां पेश कर सकती हैं। फिर भी, मजबूत घरेलू मांग और नीतिगत सुधार भारत को इनसे निपटने में सक्षम बनाते हैं। भारत को श्रम और बुनियादी ढांचे में सुधारों पर ध्यान देना होगा। नीति आयोग की रणनीतियां भारत की अर्थव्यवस्था को 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने की दिशा में काम कर रही हैं। जापान को पीछे छोड़ने की यह उपलब्धि भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत का प्रमाण है।

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