महिला और दो मासूमों की दम घुटने से मौत!
शाट सर्किट से घर में लगी आग, पति गंभीर रूप से झुलसा
संवाददाता
बस्ती। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के हर्रैया कस्बे में रविवार की भोर एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें दम घुटने से मौत ने एक महिला और उसके दो मासूम बच्चों की जान ले ली। यह त्रासदी शॉर्ट सर्किट से घर में लगी आग के चलते हुई, जिसने एक पूरे परिवार को उजाड़ दिया। मृतकों की पहचान पूजा (32), उसकी चार वर्षीय बेटी सौरभी और एक बेटे के रूप में हुई है। यह खबर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर बनकर फैल गई।
हादसे के बाद मातम, पति गंभीर
’दम घुटने से मौत’ हादसा रविवार तड़के करीब 3ः30 बजे हर्रैया नगर पंचायत के अंजहिया मोहल्ले में स्थित विनोद केसरवानी के मकान में हुआ। घर के अंदर सब लोग गहरी नींद में थे, जब अचानक बिजली के शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। दम घुटने से मौत ने पूजा और दोनों बच्चों को चपेट में ले लिया, जबकि पूजा का पति सुनील केसरवानी गंभीर रूप से झुलस गया। उसकी हालत नाजुक बनी हुई है और उसे इलाज के लिए अयोध्या मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
’दम घुटने से मौत’ की वजह बनी आग
परिजनों के अनुसार, सुनील आग में झुलसने के बावजूद किसी तरह खुद को बाहर निकाल लाने में सफल रहा। मोहल्लेवालों ने तत्काल उसे नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे अयोध्या मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। सुनील के शरीर पर गंभीर जलन के निशान हैं और डॉक्टरों की टीम उसकी देखरेख में जुटी है।
प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घर की तलाशी ली। प्रथम दृष्टया कारण शॉर्ट सर्किट ही माना जा रहा है, हालांकि विस्तृत जांच जारी है। पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। स्थानीय प्रशासन ने भी मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया।
‘दम घुटने से मौत’ पर मोहल्ला गमगीन
यह हादसा इतना भीषण था कि मोहल्ले में जिसने भी सुना, स्तब्ध रह गया। पूजा, सुनील और उनके बच्चों को सभी जानते थे। मोहल्ले में उनके शांत और मिलनसार व्यवहार के लिए वे पहचाने जाते थे। सुबह होते-होते हर्रैया में मातम पसर गया। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि बच्चों की मासूम हंसी हमेशा गूंजती थी, पर अब घर की दीवारें भी खामोश हैं।
‘दम घुटने से मौत’ को क्या रोका जा सकता था?
स्थानीय लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या यह हादसा रोका जा सकता था। मोहल्लेवासी कहते हैं कि शॉर्ट सर्किट से होने वाली घटनाओं पर प्रशासन की ओर से कभी कोई सतर्कता अभियान नहीं चलाया गया। सस्ती वायरिंग, ओवरलोडिंग और नियमित जांच के अभाव में ऐसे हादसे अब आम होते जा रहे हैं।
पीड़ित परिवार को सहायता की मांग
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में प्रशासन को लेकर नाराजगी है। उनका कहना है कि ऐसे हादसों को टालने के लिए बिजली विभाग को अधिक सजगता दिखानी चाहिए। वहीं, केसरवानी परिवार को उचित मुआवजा देने की भी मांग उठाई जा रही है। भाजपा नेता और स्थानीय पार्षदों ने प्रशासन से पीड़ित को कम से कम 10 लाख रुपये की सहायता राशि दिलाने की मांग की है।
‘दम घुटने से मौत’ बना सवालिया निशान
इस एक ही घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि छोटे कस्बों में अग्निकांड जैसी त्रासदियों से निपटने के लिए अब तक कोई प्रभावी नीति क्यों नहीं बनाई गई। दम घुटने से मौत जैसी घटनाएं न केवल असमय जानें लेती हैं, बल्कि शासन-प्रशासन की तैयारियों की पोल भी खोल देती हैं।
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