Court News : ध्वस्तीकरण के खिलाफ माफिया अतीक के गुर्गे तोता की अवमानना याचिका निस्तारित
प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया अतीक अहमद के गुर्गे जुल्फिकार उर्फ तोता का मकान तोड़े जाने के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका निस्तारित कर दी है। अवमानना याचिका जेल में बंद तोता की पत्नी समरीन जहान ने दाखिल की थी। इस पर न्यायमूर्ति एम.सी त्रिपाठी ने सुनवाई की।
याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने ध्वस्तीकरण को लेकर पारित एक आदेश में कहा है कि ध्वस्तीकरण का आदेश पारित होने के बाद उस पर तब तक अमल न किया जाए जब तक की इसके खिलाफ अपील दाखिल करने की समय अवधि बीत ना जाए। तथा कोर्ट ने अपीलीय अधिकारी को भी निर्देश दिया है कि वह अपील के साथ दाखिल अंतरिम आदेश की अर्जियों का शीघ्रता से अधिकतम दो सप्ताह में निस्तारण करें और तब तक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई न की जाए। कोर्ट ने ध्वस्तीकरण आदेश की प्रति प्रभावित पक्ष को सही तरीके से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। साथ ही आदेश जारी करने से पूर्व प्रभावित पक्ष को सुनवाई का अवसर देने का निर्देश दिया है। इसके बावजूद उसका मकान बिना अपील दाखिल करने या सुनवाई का मौका दिए ध्वस्त कर दिया गया। इस प्रकार प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अदालत के आदेश की अवमानना की है। जिसके लिए उन्हें दंडित किया जाए।
इसके जवाब में पीडीए के अधिवक्ता का कहना था कि याची के मकान के ध्वस्ती करण का आदेश हाईकोर्ट के आदेश से काफी पहले फरवरी 2020 में ही पारित कर दिया गया था। तब से कई माह का समय होने के बावजूद याची ने कोई अपील दाखिल नहीं की। जबकि अपील दाखिल करने का प्रावधान एक्ट में पहले से ही है। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि इसमें अवमानना का कोई मामला नहीं बनता है। कोर्ट ने पीडीए से कहा है कि यदि याची ध्वस्तीकरण आदेश की प्रति के लिए आवेदन करती है तो उसे नियमानुसार प्रति मुहैया कराई जाए।