Bahraich News : एक अक्टूबर से चलेगा पशु टीकाकरण अभियान
संवाददाता
बहराइच। राष्ट्रीय खुरपका-मुंहपका रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) फेज-1 के अन्तर्गत अक्टूबर माह में संचालित होने वाले टीकाकरण अभियान के सफल क्रियान्वयन के उद्देश्य से विकास भवन सभागार में मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अभियान हेतु की गयी तैयारियों की समीक्षा की गयी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा निर्देश दिये गये कि टीकाकरण अभियान से पूर्व विधिवत प्रचार-प्रसार का कार्य पूर्ण कर लिया जाय जिससे लक्षित सभी पशुओं का शत प्रतिशत टीकाकरण हो सके। इस कार्य में किसी प्रकार की उदासीनता एवं लापरवाही न बरती जाय। यदि किसी स्तर पर उदासीनता एवं लापरवाही प्रकाश में आती है तो सम्बन्धित के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। उन्होनें यह भी निर्देश दिया कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित गाइड लाइन का पालन करते हुए राष्ट्रीय खुरपका-मुंहपका कार्यक्रम को गुणवत्ता पूर्वक संचालित कर जनपद के सभी लक्षित पशुओं का टीकाकरण शत प्रतिशत सुनिश्चित कराये जिससे जनपद में पशुओं को बीमारी से बचाया जा सके। बैठक के दौरान मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बलवन्त सिंह ने बताया कि 01 अक्टूबर 2020 से 31 अक्टूबर 2020 तक संचालित होने वाले टीकाकरण अभियान के दौरान 764738 गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं का शत प्रतिशत टीकाकरण किया जाना है। जिसकी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। उन्होंने बताया कि बैक्सीन एवं लाईजेस्टिक जनपद में उपलब्ध हो गयी है। टीकाकरण अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए जनपद स्तर पर एक जनपदीय अधिकारी तथा ब्लाक स्तर पर पशु चिकित्साधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि क्षेत्र में पब्लिक एड्रेस सिस्टम से 14 बहुउद्देशीय वाहनों के माध्यम से तथा लिफलेट पोस्टर एवं वाल राइटिंग के माध्यम से टीकाकरण अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. सिंह ने यह भी बताया कि सभी सम्बन्धित को निर्देश दिये गये है कि टीकाकरण में प्रत्येक पशु को नई नीडिल से ही टीकाकरण करते हुए टैग लगाकर इनाफॅ पोर्टल पर फिडिंग किया जाय। उन्होंने बताया कि जनपद में टीकाकरण से पूर्व 100-100 गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं को प्रीवैक्सीनेशन एवं टीकाकरण के एक माह के पश्चात् उन्हीं पशुओं का पोस्ट प्रीवैक्सीनेशन सैम्पल एकत्र कर टाइटर जांच हेतु प्रयोगशाला को भेजा जायेगा जिससे यह पता चल सके कि पशुओं में टीकाकरण के पश्चात् कितनी प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है।